जम्मू। पूर्वी लद्दाख में चीन से बढ़ी तनातनी के बीच भारतीय थल सेना अध्यक्ष एमएम नरवाने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पहुंचे। यहां उन्होंने गलवां घाटी में चीनी सैनिकों के जमावड़े से उपजे हालात का जायजा लिया। उन्होंने जवानों का हौसला बढ़ाया। चीन द्वारा गलवां घाटी में घुसपैठ कर टेंट लगा लिए गए हैं। इसका जवाब देने के लिए भारतीय सेना के जवान इस समय किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं।

उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार थल सेना अध्यक्ष ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर मौजूदा सुरक्षा हालात जाने हैं। उन्होंने लद्दाख खासतौर पर पूर्वी लद्दाख में सेना की ऑपरेशनल तैयारियों को जांचा है। उन्होंने सेना की उत्तरी कमान व लद्दाख की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली सेना की 14 कोर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक भी की है। इसके अलावा जवानों से बातचीत की और उनका हौसला बढ़ाया। देर शाम जनरल नरवाने दिल्ली लौट गए। मौजूदा स्थिति के बारे में वह रक्षा मंत्रलय को अपनी रिपोर्ट देंगे। हालांकि, देर शाम तक सेना की उत्तरी कमान ने आर्मी चीफ के लद्दाख दौरे की आधिकारिक पुष्टि नहीं की थी।

किसी भी स्थिति में पीछे नहीं हटेंगे भारतीय जवानः पूर्वी लद्दाख की गलवां घाटी में चीन की सेना द्वारा टेंट लगाने के बाद भारतीय सेना ने भी अपने जवानों की तैनाती बढ़ा दी है। भारतीय सेना किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। वहीं, एलएसी पर ब्रिगेड कमांडर स्तर पर बातचीत से चीन को पीछे हटने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

भारतीय सेना की बढ़ती ताकत से चिढ़ रहा चीनः भारतीय सेना लद्दाख में अपनी ताकत बढ़ा रही है। इससे चीन परेशान है। वह भारतीय सेना के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने की मुहिम में बाधा डालने के लिए दबाव बनाना चाहता है। इस महीने पहले सप्ताह में चीन की सेना ने लद्दाख में घुसपैठ की कोशिश की थी।

Chhattisgarh से जुड़ी Hindi Newsके अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें 

Facebookपर Like करें, Twitterपर Follow करें  और Youtube  पर हमें subscribe करें।

Trusted by https://ethereumcode.net