रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मॉनसून सत्र ( Chhattisgarh Assembly Monsoon Session ) में आज विधायकों ने जमकर भड़ास निकाली, कई ऐसे क्षण भी आए जिसमें उन्होंने शब्दों की मर्यादा लांघी। विधानसभा में बिलासपुर में भूमिगत सीवरेज परियोजना का मामला उठा। जनता कांग्रेस सदस्य धर्मजीत सिंह ने पूछा कि बिलासपुर में भूमिका सीवरेज परियोजना की स्वीकृति कब मिली? कब काम शुरू किया गया और परियोजना की लागत कितनी थी?

जिसके बाद नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया ( urban administration minister Shiv Dahariya ) ने बताया कि बिलासपुर जिले में भूमिगत सीवरेज परियोजना ( underground sewerage project Bilaspur ) के लिए वर्ष 2008 में स्वीकृति दी गई थी। सीवरेज पाइप लाइन विस्तार और सीवरेज पंपिंग स्टेशन निर्माण के लिए 17 नवंबर 2008 को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण कार्य का प्रारंभ 19 जून 2009 को किया गया था। परियोजना की लागत राशि 190 करोड़ रुपए थी।

शहर के भीतर बने सीवरेज में डूबकर हुई लगातार मौतें

सदस्य धर्मजीत सिंह ( Dharmjit Singh ) ने कहा कि बिलासपुर शहर के भीतर बने सीवरेज में डूबकर लगातार लोगों की मौतें हो रही है, वहीं निगम में सालों से इंजीनियरों एक ही जगह पर जमे हुए हैं। धर्मजीत सिंह ने नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया को कहा कि वो बिलासपुर आकर खुद शहर की हालत देखें। धर्मजीत सिंह के इस प्रस्ताव पर हामी भरते हुए शिव डहरिया ने कहा कि वो बिलासपुर आकर सिवरेज की स्थिति को देखेंगे। वहीं सालों से बिलासपुर निगम में पदस्थ इंजीनियरों को हटाने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने हेतु भी उन्होंने आश्वासन दिया।

बिलासपुर शहर बन गया था घुरुवा, अब होगा दुरूस्त

धर्मजीत सिंह ने कहा कि बिलासपुर नगर निगम ( Bilaspur Municipal Corporation ) के एक सब इंजीनियर वहीं चीफ इंजीनियर बन गये हैं और 25 सालों से पदस्थ हैं, अस्टिटेंट इंजीनियर से लेकर अन्य इंजीनियर भी 15 साल- 20 साल से एक ही जगह पर पदस्त हैं। निगम में पांच साल से ज्यादा वक्त से कार्यरत इँजीनियरों को हटाने की मांग धर्मजीत ने सदन में की, जिस पर शिव डहरिया ने कहा कि इस मामले में जरूर कार्रवाई की जायेगी। जिसके बाद मंत्री ने कहा जो व्यवस्था 15 साल से खराब थी, उसको दुरुस्त करने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने पूरे बिलासपुर शहर को घुरुवा बना कर रख दिया था। उसे ठीक करना हमारी सरकार की प्राथमिकता है।

15 प्रतिशत से ज्यादा बचा है सिवरेजा का काम

बिलासपुर विधायक शैलेष पांडेय ( Bilaspur legislator Shailesh Pandey ) ने सदन में लापरवाही के साथ-साथ इंजीनियरों की तरफ से गलत जानकारी कर मंत्री को गुमराह करने का आरोप लगाया। शैलेष पांडेय ने बताया कि समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों ने बताया था कि सिर्फ 2 परसेंट काम बचा है, जबकि सीवरेज का 15 प्रतिशत से ज्यादा काम बचा है। यही नहीं काम कराने वाला ठेकेदार भी भाग गया है, ऐसे में काम कैसे होगा। शैलेष पांडेय ने सदन में कहा कि पिछली सरकार की कार्यशैली का खामियाजा आज भी शहर की जनता भुगत रही है। शहर में सौ से ज्यादा गडढे हैं, जिससे शहर के लोग संकट में हैं। शैलेष पांडेय ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने और दोषियों पर एक्शन लेने की मांग की। मंत्री शिव डहरिया ने इस मामले में कार्रवाई की बात कही है।

 

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