रायपुर। छत्तीसगढ़ में शराब बंदी राजनैतिक दलों के लिए भले ही चुनावी मुददा बना हुआ है पर इस खेल के पीछे रसूखदारों की नीयत केवल मोटी कमाई करने भर की है, इनमें प्लेसमेंट एजेंसी ही नहीं अफसर भी शामिल हैं।

आपको बता दें कि कोरोना संक्रमण काल में शराब ठेका पर लोगों की भीड़ रोकने के लिए लॉकडाउन के दौरान शराब बिक्री पर लगाए गए प्रतिबंध की वजह से इन्हीं रखूसदारों के अरमानों पर पानी फिर गया था। हालांकि लॉकडाउन 2 के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने कुछ शर्तों के साथ शराब बेचने की अनुमति तो प्रदान कर दी पर आबकारी विभाग के घाघ अफसरों ने इन शर्तों के साथ नई शर्तें जोड़ कर अपनी अलग दुकानदारी शुरू कर दी है। जीहां हम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ में शराब ​​की आनलाइन होम डीलिवरी की।

आनलाइन होम डीलिवरी के पीछे बड़ा खेल

छत्तीसगढ़ में शराब ​​की आनलाइन होम डीलिवरी शुरू हुए करीब 15 दिन पूरे हो चुके हैं। आबकारी विभाग के अफसर अपनी प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए शराब की होम ​डीलिवरी करा रहे हैं। आबकारी विभाग की सूची में शराब की होम ​डीलिवरी के लिए जिन प्लेसमेंट एजेंसी के नाम शामिल हैं उनमें सुमीत फेसीलिट्रीस, प्राइम वन, ए टू जेड व अलर्ट कमांड़ों शामिल हैं। इनमें से सुमीत फेसीलिट्रीस और प्राइम वन प्लेसमेंट एजेंसी वर्तमान में शराब की होम ​डीलिवरी कर रही हैं।

15 करोड़ के टेंडर की आड़ में दुकानदारी चलाने की तैयारी

छत्तीसगढ़ में शराब की होम ​डीलिवरी के लिए छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कार्पोरेशन द्वारा जो टेंडर जारी किए गए हैं उसमें अफसरशाही की बड़ी दुकानदारी साफ नजर आ रही है। टेंडर की शर्तों में कहा गया है कि शराब की होम ​डीलिवरी के टेंडर में वही एजेंसी शामिल हो सकती है जिसे शराब की होम ​डीलिवरी एक माह का अनुभव हो।

अब समझिए शर्तों के पीछे का असल खेल

सूत्रों की माने तो टेंडर में शराब की होम ​डीलिवरी का अनुभव की जो शर्त जोड़ी गई है उसके पीछे सुनियोजित तरीके से उन्हीं एजेंसियों को शराब की होम ​डीलिवरी का ठेका देने दिलाने की तैयारी चल रही है जो वर्तमान में शराब की होम ​डीलिवरी कर रही हैं। इन एजेंसियों को महीने के लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में बिना टेंडर ही शराब की होम ​डीलिवरी का काम दिया गया है। इसके पीछे उस अफसर का दिमाग काम रहा है जो इन एजेंसियों से एक माह तक शराब की होम डिलीवरी करा कर उन्हें शराब की होम डीलिवरी का अनुभव प्रमाण पत्र देने का मंसूबा पाले हुए हैं। अपनी चेहती एजेंसी का काम दिलाने के लिए शर्तों ये बात भी जोड़ी गई है कि जिस एजेंसी के पास एक माह का अनुभव प्रमाणपत्र होगा उसे ठेका में 10 प्रतिशत बोनस अंक अलग से दिए जाएंगे।

बता दें कि इससे पहले छत्तीसगढ़ में शराब की होम डीलिवरी लागू नहीं की गई। ये पहला मौका है जब सरकार ने शराब की होम ​डीलिवरी कराने का फैसला लिया है। इस पूरे मामले में छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कार्पोरेशन के प्रभारी अधिकारी की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।

बता दें कि इससे पहले भाजपा शासनकाल में छत्तीसगढ़ स्टेट बेवरेज कार्पोरेशन के तत्कालीन एमडी समुंदर सिंह पर करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं। समुंदर सिंह वर्तमान में फरार चल रहे हैं। अब ताजा मामला शराब की आनलाइन होम डीलिवरी के टेंडर को लेकर उठ रही हैं। जिसमें अधिकारी चुप्पी मारे बैठे हैं। इस टेंडर में शामिल होने के लिए तैयार ​बैठे अन्य एजेंसियों का कहना है कि शराब की आनलाइन होम डीलिवरी का अनुभव प्रमाण पत्र किसे देना है ये अफसर पहले ही तय कर चुके हैं, टेंडर की शर्तों में छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कार्पोरेशन की नीयत साफ नजर आ रही है।

इन एजेंसियों का कहना है कि आबकारी विभाग में एक अकेले ‘समुंदर’ नहीं यहां तो ऐसे अफसरों भरमार है जो मौका पड़ने पर ‘सात समुंदर’ को भी मात दे सकते हैं।
फिलहाल छत्तीसगढ़ में शराब की आनलाइन होम डीलिवरी का ठेका शुरू होने से पहले ही विवादों में आ गया है।

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