रायपुर। कोरोना संक्रमण काल में पीएम केयर फंड में दी गई औद्योगिक संस्थानों की सीएसआर मद की राशि रीलिज करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी के नाम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पत्र पर सवाल उठाते हुए पूर्व भाजपा विधायक देवजी पटेल के उस बयान का कांग्रेस ने सिलसिलेवार जवाब दिया है, जिसमें उन्होंने छत्तीसगढ़ के औद्योगिक संस्थानों द्वारा पीएम केयर फंड में जमा कराई गई राशि की सूची सार्वजनिक करने की मांग की थी।

प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता आरपी सिंह ने पूर्व भाजपा विधायक के आरोपों का सिलसिलेवार जवाब देते कहा है कि छत्तीसगढ़ में संचालित खनन परियोजनाओं/सार्वजनिक औद्योगिक संस्थानों द्वारा कंपनी एक्ट 2013 के तहत अपनी सकल पूंजी का नियमानुसार राशि औदयोगिक क्रिया कलापों से प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से प्रमाणिक क्षेत्र/व्यक्तियों के विकास, स्वास्थ्य के उन्नयन पर किए जाने का प्रावधान है। जिसे प्रावधान के अनुसार विभिन्न क्षेत्रों में व्यय किया जाना होता है।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि केंद्र सरकार के कार्पोरेट अफेयर मंत्रालय के द्वारा 10 अप्रैल 2020 को सामान्य परिपत्र जारी कर पीएम केयर फंड में जमा की गई राशि को सीएसआर के खर्च की गई राशि में समायोजित किए जाने के निर्देश जारी हुए थे। जिसके बाद छत्तीसगढ़ राज्य के अंतर्गत संचालित सार्वजनिक खनन/ औदयोगिक संस्थानों द्वारा यथा एनएमडीसी, एनटीपीसी, सेल आदि के द्वारा भी पीएम केयर फंड में करोड़ों की राशि जमा कराई गई है।

कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा है प्राप्त जानकारी के अनुसार एनटीपीसी द्वारा 250 करोड़,कोल इंडिया के द्वारा 160 करोड़, एनएमडीसी 150 करोड़ एवं सेल द्वारा 30 करोड़ रुपए जमा कराया गया है। जबकि सीएसआर मद की राशि को कंपनियों के द्वारा प्रभावित क्षेत्र एवं व्यक्तियों के मध्य खर्च किया जाना आवश्यक होता है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा है, नोवेल कोरोना वायरस कोविड.19 के संक्रमण से छत्तीसगढ़ राज्य अछूता नहीं है।

प्रदेश के 5 जिले कोरोना से प्रभावित हैं, जिनमें से एक जिले को रेड जोन में रखा गया है। प्रदेश में इस वै​श्विक महामारी की रोकथाम के लिए विभिन्न उपाए किए जा रहे हैं। लॉकडाउन की वजह से पैदा हुई बेरोजगारी, पलायन, खाद्यान्ह सुरक्षा आदि के महत्वपूर्ण कार्य किए जा रहे हैं। जिसके लिए राज्य सरकार को वित्तीय कोष की महती आवश्यकता बनी हुई है।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा है कि ऐसी परिस्थिति में प्रदेश में संचालित सार्वजनिक खनन/ औद्योगिक संस्थानों द्वारा सीएसआर मद में प्रावधानित राशि पर स्थानीय स्तर में कोविड.19 के संक्रमण को रोकने तथा अन्य अतिआवश्यक कार्यों के लिए सीएसआर मद के तहत अथवा स्वप्रेरणा के राज्य शासन को दिया जाना चाहिए।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि ऐसी परिस्थिति में सार्वजनिक खनन/ औदयोगिक परियोजना द्वारा सीएसआर मद में खर्च की जाने वाली राशि पीएम केयर फंड में समायोजित किए जाने से राज्य सरकार को सीएसआर मद की राशि प्राप्त नहीं होगी।

आरपी सिंह ने कहा कि विधायक देवजी भाई पटेल को इस बात का अंदाजा होना चाहिए कि सीएसआर की राशि पर स्थानीय प्रभावित लोगों एवं राज्य शासन का प्रथम अधिकार है। आज के हालात में उक्त राशि राज्य शासन को मिलने पर कोविड.19 के संक्रमण को रोकने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी।

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