रायपुर। प्रदेश भर में ओपीडी का समय बढ़ाने के बाद जहां लोगों को बेहतर सुविधाएं मिल रही हैं, वहीं शासकीय चिकित्सकों ने बहिष्कार को लेकर मोर्चा खोल दिया है। इस पर सरकार ने भी कड़ा रुख अपनाते हुए चिकित्सकों पर कार्रवाई करने में गुरेज नहीं कर रही है।

इसी क्रम में एक मेडिसिन विसेषज्ञ को हटा दिया गया है। ओपीडी के बहिष्कार के चलते स्वास्थ्य विभाग ने सिविल सेवा के उल्लंघन को लेकर जिला सूरजपुर में पदस्त मेडिसीन विशेषज्ञ डॉ. रोहित पटेल को पद से हटा दिया है।

वहीं जिले के चार संविदा चिकित्सकों की सेवा समाप्त करने का पत्र स्वास्थ्य विभाग ने मिशन संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को भेजा है। बता दें कि छत्तीसगढ़ इन सर्विस डॉक्टर्स एसोसिएशन ने पूरे प्रदेश में चिकित्सकों का समर्थन जुटाने के लिए अभियान तेज कर दिया है।

रविवार को सूरजपुर पहुंचे सीडा संगठन को समर्थन देते हुए ओपीडी का विरोध कर रहे चिकित्सकों ने स्वास्थ्य विभाग को सामूहिक इस्तीफे की पेशकश कर दी है। सरकार लोगों की सुविधाओं को देखते हुए अपने रुख पर कायम है।

वहीं चिकित्सक अपनी समस्या को लेकर आम लोगों की इलाज की सुविधा से ही खिलवाड़ करने में जुटे हैं।

अब तक 400 से अधिक को नोटिस

विभागीय जानकारी के अनुसार ओपीडी के बहिष्कार पर अब तक स्वास्थ्य विभाग ने 400 से अधिक चिकित्सकों को नोटिस थमाया है। प्रशासन ने चिकित्सकों से कारण बताने के साथ वेतन काटने के लिए कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

अम्बेडकर अस्पताल की ओपीडी में डॉक्टर मरीजों को काफी कम समय दे रहे हैं। सामने आया कि किसी भी विभाग में डॉक्टर समय पर नहीं पहुंच रहे हैं। वहीं, प्रबंधन ने ओपीडी में मरीजों के इलाज के लिए 6 घंटे का समय तय किया है, लेकिन मरीजों को वहां सिर्फ 4 घंटे ही इलाज की सुविधा मिल रही है।

वहीं, भीड़ से बचने के लिए सुबह जल्दी अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा है। जिसकी वजह से उन्हें घंटेभर से ज्यादा बैठकर डॉक्टरों का इंतजार करना पड़ता है।

सर्जरी डिपार्टमेंट (सुबह 8:45 बजे)

इनकी ओपीडी डॉ. संतोष सोनकर डॉ. राजेंद्र रात्रे टीम सुबह 8:45 बजे यहां पहुंची, जहां मरीज तो बैठे मिले, लेकिन न तो यहां जूनियर डॉक्टर थे और न ही कोई भी डॉक्टर। ब्रेस्ट सर्जरी क्लीनिक में भी इसी तरह के हालात देखने को मिले।

जानिए, किस तरह की तय की गई है टाइमिंग

ओपीडी की टाइमिंग

सुबह 8:30 से 2:30 बजे तक लिपिकीय व अलिपिकीय वर्ग

सुबह 10:30 से 5:30 बजे भोजन अवकाश

दोपहर 2 से 2:30 बजे

चिकित्सकीय विभागों में कार्यरत कर्मी

सुबह 8:30 से 3:30 बजे चेस्ट डिपार्टमेंट (सुबह 9:10 बजे)

इनकी ओपीडी

डॉ. आरके पंडा डॉ. देव ज्योति दास टीम इसी तरह पड़ताल करते हुए द्वितीय तल के चेस्ट डिपार्टमेंट पहुंची। वहां मरीज बैठे रहे, लेकिन वहां न तो सीनियर डॉक्टर मिले और न ही जूडो (जूनियर डॉक्टर) दिखाई दिए। वहीं, मरीज डॉक्टरों का इंतजार करते रहे।

3 जनवरी को ही जारी किया आदेश

अस्पताल प्रबंधन ने 3 जनवरी को टाइमिंग को लेकर आदेश जारी किया था। जिसमें लिपिकीय व अलिपिकीय विभाग के कर्मचारियों के लिए 10:30 से 5:30 बजे

तक की टाइमिंग तय की गई है। वहीं, विभिन्न विभागों की ओपीडी में एमसीआई के नार्म्स के मुताबिक डॉक्टरों के बैठने की टाइमिंग सुबह 8:30 से 2:30 बजे तक

तय की गई है। इसके बावजूद मरीजों को 6 की बजाय 4 घंटे ही इलाज की सुविधा मिल रही है। आईआेपीडी (सुबह 9 बजे)

इनकी ओपीडी

डॉ. संतोष पटेल डॉ. राजेश साहू टीम सुबह 9 बजे आईओपीडी पहुंची। जहां मरीज तो बैठे मिले, लेकिन वहां एक भी डॉक्टर मौजूद नहीं मिला। लेकिन एक कमरे में एक जूडो कुछ मरीजों की जांच करती हुई मिली। ईएनटी (सुबह 8:50 बजे)

इनकी ओपीडी

डॉ. वर्षा मुंगुटवार, डॉ. दुर्गेश गजेंद्र, डॉ. शिबाशीष आचार्य इसी तरह टीम सुबह 8:50 बजे ईएनटी डिपार्टमेंट पहुंची। यहां कुछ जूनियर डॉक्टर मरीजाें की जांच करते पाए गए। लेकिन सीनियर्स वहां से नदारद रहे। वहीं, कुछ मरीज सीनियर डॉक्टर्स का इंतजार करते पाए गए।

 

‘ कुछ डॉक्टर आते साथ राउंड पर चले जाते हैं। जबकि कुछ मेडिकल कॉलेज में क्लास लेते हैं। इस वजह से विलंब हो सकता है।

और वैसे भी उस दौरान ज्यादा मरीज नहीं रहते हैं। मरीजों के हिसाब से रहता है, जहां ज्यादा मरीज हैं। वहां डॉक्टर अंतिम मरीज का इलाज करने के बाद ही जाते हैं।

मरीजों के आने की शुरूआत सुबह 9:30 बजे के आसपास ही होती है। वहीं, इस समय तक आईपीडी में मरीजों को देखा जाता है। ‘

डॉ विनीत जैन, अधीक्षक, अम्बेडकर अस्पताल

 

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