वॉशिंगटन। कोरोनावायरस को हराने और लोगों को राहत देने के लिए दुनियाभर में कोशिशें जारी हैं। इस बीच अमेरिका के जॉर्जिया के भारतवंशी दंपती ने एक बेहद सस्ता वेंटिलेटर तैयार किया है। उनके मुताबिक, अगर इसे ज्यादा तादाद में बनाया जाए तो इसकी लागत 100 डॉलर (करीब साढ़े सात हजार रुपए) आएगी। अमेरिका में फिलहाल वेंटिलेटर की कीमत 10 हजार डॉलर (करीब 7.56 लाख रुपए) है।

वेंटिलेटर को बनाने वाले देवेश रंजन जॉर्जिया के जॉर्ज डब्ल्यू वुड्रफ स्कूल ऑफ मैकेनिकल इंजीनियरिंग में प्रोफेसर हैं। उनकी पत्नी कुमुदा अटलांटा में डॉक्टर हैं। दोनों ने प्रोटोटाइप वेंटिलेटर को महज 3 हफ्ते में तैयार कर लिया। इस वेंटिलेटर का प्रोडक्शन जल्द शुरू होने वाला है। यह भारत में भी मिलेगा।

प्रो. रंजन ने न्यूज एजेंसी को बताया कि अगर इसे बनाने में 500 डॉलर (करीब 39 हजार रुपए) भी लगते हैं तो भी आप बाजार में फायदा कमा लेंगे। यह एक ओपन एयरवेंट जीटी वेंटिलेटर है। यह एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम के इलाज के लिए बनाया गया है। कोरोनावायरस के मरीजों में यही सिंड्रोम बड़ी समस्या बनकर सामने आया है। इसके चलते फेफड़े सख्त हो जाते हैं और सांस लेने में दिक्कत होती है। लिहाजा मरीज को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती है। रंजन ने यह भी साफ किया कि यह कोई आईसीयू वेंटिलेटर नहीं है। इस तरह के वेंटिलेटर ज्यादा महंगे होते हैं।

देवेश का बिहार तो कुमुदा का झारखंड से ताल्लुक


देवेश रंजन बिहार के पटना में पैदा हुए और पले-बढ़े। तमिलनाडु के त्रिची के रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज से उन्होंने बैचलर डिग्री ली। यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन-मेडिसन से मास्टर्स और पीएचडी की। 6 साल से वे जॉर्जिया टेक में पढ़ा रहे हैं। वहीं, कुमुदा 6 साल की उम्र में माता-पिता के साथ रांची से अमेरिका पहुंची थीं। न्यूजर्सी में उन्होंने मेडिकल ट्रेनिंग ली।

डॉ. कुमुदा के मुताबिक, ‘‘हमारे इस काम का एक ही मकसद है कि कम कीमत में वेंटिलेटर बनाना, जिसका पूरी तरह से नियंत्रण डॉक्टर के हाथ में रहे। इस समय दुनिया में वेंटिलेटर की कमी है।’’ कोरोना के चलते दुनिया में 3 लाख 48 हजार लोगों की मौत हो गई और 56 लाख से ज्यादा संक्रमित हैं। अमेरिका में भी मौतों का आंकड़ा एक लाख पहुंचने वाला है।