रायपुर। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे रायपुर रेल मंडल में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए अल्ट्रावायलेट सेनिटाइजेशन रोबोट बनाया गया हैं। इसका उपयोग रेलवे कोचों को सैनिटाइज करने के लिए किया जाएगा। दूर से संचालित अल्ट्रावायलेट सैनिटाइजेशन रोबोट कोच में प्रवेश किए बिना ही कोचों की स्वच्छता के लिए प्रयोग किया जा सकता है।

रोबोट की प्रमुख विशेषता है कि इसका संचालन रिमोट आधारित होता है ,जिससे कोच को सेनिटाइज करने के लिए यूवी-सी किरणों को रिमोट के द्वारा नियंत्रित कर छोड़ा जाता हैं, वहीँ रिमोट कैमरा की दृष्टि से सैनिटाइजर मूवमेंट को देखा जा सकता हैं। यह कोच के सैनिटाइजर और कोरोनावायरस से लड़ने में मददगार होगा।

यह एक गैर-रासायनिक आधारित तकनीक है, इससे संदूषण नहीं होगा। यूवी-सी किरणें रोग जनकों और वायरस को मारने में प्रभावी हैं। यह स्वच्छता टीम की सुरक्षा को बनाए रखने में मदद करता है । कोच में सैनिटाइज करने के लिए स्टाफ को वास्तविक रूप से हाथ से सफाई की आवश्यक नहीं है जिससे कोई सीधे संपर्क की जरूरत नहीं होती ।

बाजार में इसी तरह के आइटम की लागत लगभग ढाई लाख रुपए है जबकि स्वयं विकसित किए गए इस सेनिटाइजेशन रोबोट की लागत पच्चीस हजार के आसपास है। यह भारतीय रेलवे द्वारा कोरोना वायरस से लड़ने के लिए रायपुर मंडल का आत्मनिर्भरता की और एक और प्रयास है ।