नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी के चलते लॉकडाउन होने और लोगों को कैश की किल्लत से जूझते हुए देखने के बाद मोदी सरकार ने ईपीएफ अकाउंट होल्डर्स को एक खास सुविधा दी थी। इस सुविधा के तहत लोग अपने पीएफ खाते से एक तय रकम निकाल सकते हैं, ताकि अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा कर सकें। लेकिन अब वह मियाद खत्म हो रही है। कोरोना की वजह से पीएफ अकाउंट से पैसे निकालने की छूट 30 जून 2020 तक दी गई थी। यानी अगर आपको भी पैसे निकालने हैं तो जल्दी करें, क्योंकि अब इस सुविधा का फायदा उठाने में बस कुछ ही दिन बचे हैं।

कितना निकाल सकते हैं पैसा?

EPF खाते से निकाली जाने वाली राशि अंशधारक के तीन महीने के मूल वेतन और महंगाई भत्ते के योग या उसके खाते में जमा हुई कुल राशि के तीन चौथाई (75 फीसदी) में से जो भी कम हो, उससे अधिक नहीं हो सकती है। कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये ‘लॉकडउान’ की वजह से लोगों को राहत देने को लेकर यह कदम उठाया गया था।

हर कर्मचारी उठा सकता है योजना का लाभ

कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया गया है और इसीलिए ईपीएफ योजना के दायरे में आने वाले देश भर में कारखानों और विभिन्न प्रतिष्ठानों में काम करने वाले कर्मचारी इस राशि को निकालने के लिये पात्र हैं। इसके लिये ईपीएफ योजना, 1952 के पैरा 68 एल के उप-पैरा (3) को जोड़ा गया है। संशोधित कर्मचारी भविष्य निधि कोष (संशोधन) योजना, 2020, 28 मार्च से अमल में आया है।

तीन दिनों में मिलेगा पैसा

इसके लिए सरकार ने ऑनलाइन फॉर्म की भी व्यवस्था की है। एक अधिकारी ने कहा था कि इस व्यवस्था में दावों का निपटान तीन दिनों के भीतर होगा। इसमें किसी प्रकार का मानवीय हस्तक्षेप नहीं होगा और ईपीएफ दावों का निपटान पूरी तरीके से ऑनलाइन होगा। उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1.70 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा करते हुए ईपीएफ से निकासी की सुविधा देने की बात कही थी।

कैसे निकालें पीएफ खाते से पैसा?

सबसे पहले इस लिंक (https://unifiedportal-mem.epfindia.gov.in/memberinterface/) के जरिए अपने यूएएन (UAN) खाते में जाएं और वहां ऑनलाइन सेवाओं पर जाकर क्लेम फॉर्म पर क्लिक करें। इसके बाद आपके सामने एक पेज खुलेगा, जिसमें आपके खाते के आखिरी चार अंक मांगे जाएंगे। सारी जानकारी भरकर आगे बढ़ें और पीएफ एडवांस फॉर्म 31 पर क्लिक करें। इसके बाद आपको चेक या पासबुक की स्कैन कॉपी अपलोड करनी होगी। अगले स्टेप में आपको आधार नंबर के जरिए एक ओटीपी मिलेगा, जिसे डालने के बाद आपको कुछ दिनों में पैसे मिल जाएंगे।

गलतियां करने से रिजेक्ट हो जाता है क्लेम

अगर आपके द्वारा दिया गया डीटेल ईपीएफओ के रेकॉर्ड से नहीं मिलता है तो आपका क्लेम रिजेक्ट हो सकता है। नीचे हम पांच प्रमुख कारण बताने जा रहे हैं, जिनकी वजह से अधिकतर क्लेम रिजेक्ट होते हैं और आपको क्लेम रिजेक्शन से बचने के लिए इनका ख्याल रखना चाहिए।

1- बैंक खाते की डीटेल गलत होना

आपको यह बात पता होनी चाहिए कि क्लेम का पैसा उसी बैंक अकाउंट में क्रेडिट होता है, जो ईपीएफओ के रेकॉर्ड में दर्ज है। इसलिए, क्लेम करते वक्त इस बात से सुनिश्चित हो लें कि आप अपने आवेदन में जो बैंक अकाउंट दे रहे हैं, वही बैंक अकाउंट ईपीएफओ के रेकॉर्ड में दर्ज हो। अगर बैंक खाता गलत पाया गया तो आपका क्लेम रिजेक्ट हो सकता है।

ईपीएफओ ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर अंशधारकों को बताया है कि ईपीएओ के पास दर्ज बैंक अकाउंट सही हो और वह अकाउंट UAN (यूनिवर्सल अकाउंट नंबर) से लिंक्ड हो।

इसके अलावा, ईपीएफओ के रेकॉर्ड में दर्ज IFSC नंबर भी सही होना चाहिए। अगर आपने गलत IFSC नंबर दिया है तो आपको फंड से पैसा मिलने में देरी हो सकती है।

अगर आपको ईपीएफओ रेकॉर्ड में दर्ज बैंक डीटेल्स चेक करना हो तो आप मेंबर ई-सेवा पोर्टल (EPFO पोर्टल) में अपने अकाउंट में लॉगइन कर केवाईसी सेक्शन में जाकर ‘मैनेज टैब’ में इसे देख सकते हैं। अगर उसमें IFSC नंबर गलत है तो आप उसे सही कर सकते हैं। एक बार जब ईपीएफओ रेकॉर्ड में सारे डीटेल्स सही हो जाते हैं तो आपको अपने नियोक्ता से भी उसे वेरिफाई कराना अनिवार्य होता है।

जब आप ईपीएफ विदड्रॉल ऑनलाइन क्लेम करते हैं तो आपको ईपीएफओ के रेकॉर्ड में दर्ज बैंक अकाउंट के चेक की फोटो कॉफी भी देनी पड़ती है। इस बात को सुनिश्चित कर लें कि फोटो कॉपी साफ-सुथरी हो और सबकुछ स्पष्ट दिखाई दे रहा हो।

2- अधूरी KYC

ईपीएफ क्लेम रिजेक्ट होने का दूसरा कारण केवाईसी का अधूरी होना है। अगर आपका केवाई डीटेल्स पूरा और वेरिफाई नहीं है तो ईपीएफओ आपका विदड्रॉल क्लेम रिजेक्ट कर सकता है।

केवाईसी कंप्लीट और वेरिफाई है या नहीं, इसकी जांच आप अपने मेंबर ई-सेवा अकाउंट में लॉगइन कर चेक कर सकते हैं। अगर सेवा की अवधि पांच साल से कम हो तो फाइनल पीएफ सैटलमेंट के लिए आपको ईपीएफओ को PAN देना भी आवश्यक है।

3- जन्म तिथि का गलत होना

अगर अंशधारक की ईपीएफओ में दर्ज जन्म तिथि और नियोक्ता के रेकॉर्ड में दर्ज जन्म तिथि का मिलान नहीं होता है तो विदड्रॉल का क्लेम रिजेक्ट किया जा सकता है। हाल में ईपीएफओ ने 3 अप्रैल को एक सर्कुलर जारी किया था, जिसमें उसने ईपीएफओ के रेकॉर्ड में दर्ज जन्म तिथि को सही करने तथा यूएएन को आधार से जोड़ने के लिए नियमों में ढील दी थी। सर्कुलर के मुताबिक, अंशधारक अब जन्म तिथि को पहले के एक साल के बदले तीन साल कम या अधिक तक सही कर सकते हैं।

4- UAN का आधार से लिंक नहीं होना

अगर आप कोरोना वायरस से जुड़ा ईपीएफ विदड्रॉल क्लेम करने की सोच रहे हैं तो इसका एक क्राइटेरिया आधार का UAN से लिंक होना जरूरी है। अगर आपका यूएएन आधार से लिंक नहीं है तो आपका ईपीएफ विदड्रॉल क्लेम रिजेक्ट हो सकता है।

यूएएन या ईपीएफ अकाउंट को आधार से लिंक करने के चार तरीके हैं। आप अपनी सुविधा के हिसाब से किसी भी तरीके से यूएएन को आधार से लिंक कर सकते हैं।

5- शर्तें पूरी न होना

अगर कोई ईपीएफ अंशधारक कोरोना वायरस के कारण फाइनैंशल इमर्जेंसी को लेकर विदड्रॉल के लिए क्लेम कर रहा है तो तीन शर्तें पूरी होनी चाहिए। पहला-UAN ऐक्टिवट होना जरूरी है, दूसरा- आधार वेरिफाई हो और यूएएन से लिंक्ड हो, तीसरा- सही IFSC के साथ बैंक अकाउंट यूएएन से लिंक हो।

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