जगदलपुर। शासकीय पद पर सेवाएं दे रहे मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों का मोह अब भी निजी प्रेक्टिस है। जिसका परिणाय है कि ड्यूटी के दौरान अधिकांश समय चिकित्सक अपने विभाग से गायब रहते हैं। जिसके चलते मरीजों को परेशानी हो रही है। मेडिकल कॉलेज जगदलपुर समेत अन्य शासकीय चिकित्सा केंद्रों में वरिष्ठ चिकित्सकों की समय पर ड्यूटि के समय उपस्थित नहीं रहते। गंभीर मरीज चिकित्सकों के अभाव में दम तोडऩे के लिए मजबूर हो जाते हैं।   मेकाज में वरिष्ठ चिकित्सकों के आने का और आपातकाल में उपस्थित होने का समय दोनों ही अनिश्चित रहता है। जैसे-तैसे जूनियर डॉक्टर मरीज का उपचार करते हैं, लेकिन विशेषज्ञता के अभाव में वे भी कुछ नहीं कर पाते हैं। उल्लेखनीय है कि यह चिकित्सा महाविद्यालय यहां के निवासियों को अच्छी स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था। लेकिन वरिष्ठ चिकित्सकों के समय पर उपस्थित न रहने के कारण उन्हें विशेष चिकित्सा नहीं मिल पा रही है।   इधर दूसरी ओर महारानी अस्पताल में पिछले कई दिनों से शासन के पूर्ण व्यवस्था कर इसे पूर्व गौरव प्रदान करने के लिए आश्वासन जरूर दिया गया, लेकिन आज भी यह अस्पताल अव्यवस्थाओं के शिकार बना हुआ है। इस संबंध में यह भी उल्लेखनीय है कि शासकीय चिकित्सकों की निजी प्रेक्टिस की ओर अधिक ध्यान रहता है और मरीज को वे अपनी कमाई का आसान माध्यम समझते हैं। इसका प्रमुख कारण है कि इन चिकित्सकों पर किसी प्रकार की निगरानी की व्यवस्था नहीं के बराबर है, जिसका लाभ वे उठाते हैं। इस संबंध में मेडिकल कॉलेज के डीन यूएस पैकरा का कहना है कि अभी तक उनके पास कोई लिखित शिकायत नहीं प्राप्त हुई है, लेकिन वे स्वयं इसकी देखभाल करेंगे और चिकित्सकों को उनके ड्यूटी के समय उपस्थित रहने के लिए प्रयास करेंगे।     Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें  Facebook पर Like करें, Twitter पर Follow करें  और Youtube  पर हमें subscribe करें।