बिलासपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीबों का पैसा छीना है। ये आरोप अखिल भारतीय कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने बिलासपुर की जनसभा में अपने संबोधन के दौरान लगाए। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने गरीबों की जेब से पैसे निकाल कर बैंकों में डाल दिया है। हमारी सरकार आएगी तो हम गरीबी पर सर्जिकल स्ट्राइक करेंगे। 20 प्रतिशत पैसा गरीबों के खाते में डालेंगे। तो वहीं वे ये भी कहना नहीं भूले कि ये व्यवस्था बिना देश की अर्थव्यवस्था को क्षति पहुंचाए होगी। ये कुल मिलाकर राहुल गांधी का युवाओं को लुभाने का हथियार था। तो वहीं उन्होंने जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स बताकर केंद्र सरकार पर तंज कसा। तो वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ में महिला वोटों पर हाथ मारने से भी नहीं चूके। राहुल गांधी ने ये कहकर महिलाओं की संवेदना बटोरने की कोशिश किया कि अगर कांग्रेस की सरकार सत्ता में आएगी तो जो पैसा देने का वादा हमने किया है, वो सीधा महिलाओं के खाते में जाएगा। मंच पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव और पीएल पुनिया भी मौजूद रहे।

हमने किसानों का कर्जा माफ किया :

छत्तीसगढ के किसानों के साथ पूर्व में अन्याय हुआ। हमने प्रदेशवासियों को यह अहसास दिलाया है कि छत्तीसगढ़ प्रदेश आपका है। प्रदेश का पैसा आपका है। इसका फायदा यहां रह रहे लोगों को ही मिलना चाहिए। हमने छह सात माह में नहीं, 10 दिनों में किसानों का कर्जा माफ किया। नरेंद्र मोदी 2014 में आए। जनता की सेवा के लिए चौकीदार बनने का वादा किया। रोजगार, किसानों का कर्जा माफ, 15 लाख बैंक में देने का वादा किया। लेकिन उन्होंने 35000 हजार करोड़ मेहुल, नीरव मोदी को दे दिये। मंच से प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते पांच साल में अपना एक भी वादा पूरा नहीं किया। कांग्रेस की महिला नेता करुणा शुक्ला ने अपने भाषण में नोटबंदी, सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर केंद्र सरकार को जमकर कोसा। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी अटल श्रीवास्तव को वोट देने की अपील की।

डॉ रमन सिंह का फॉर्मूला: 

इससे काफी पहले यही फॉर्मूला पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने भी अपनाया था। उन्होंने राज्य के राशन कार्डों का मुखिया महिलाओं को बना दिया था। परिणाम निकला कि बंपर मतों से भाजपा चुनाव जीतकर उस बार सत्ता में आई थी। आज बिलासपुर में राहुल गांधी ने भी यही फॉर्मूला अपनाने की कोशिश की। इसके पीछे सिर्फ महिलाओं का वोट बटोरने की उनकी कोशिश मात्र  है। इसमें दूसरी बात ये भी हो सकती है कि महिलाएं उनके ऊपर विश्वास कितना करती हैं? क्या वे महिलाओं के विश्वास को वोटों में तब्दील करने में कामयाब हो सकेंगें?

भाषण में ज्यादा समय मोदी की चर्चा: 

राहुल गांधी ने अपने भाषण में ज्यादातर समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर खर्च किया। उन्होंने प्रधानमंत्री पर जमकर हमले किए। तो वहीं उन्होंने युवाओं और महिला मतदाताओं को लुभाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। दोनों को ही पैसों का लालच दिया। तो उन्होंने ये नहीं बताया कि इतने पैसे आखिर आएंगे कहां से?   Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें  Facebook पर Like करें, Twitter पर Follow करें  और Youtube  पर हमें subscribe करें।