कटघोरा(कोरबा)। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में पिछले दो दिन से दलदल में फंसी मादा हाथी की

आखिरकार मौत हो गई। मादा हाथी पिछले 38 घंटे से ज्यादा समय तक दलदल से बाहर निकलने के

लिए संघर्ष कर रही थी।

 

मामला कटघोरा वन परिक्षेत्र के कुल्हरिया गांव के डूबान का है। यहां दलदल में एक मादा हाथी पिछले

38 घंटे से अधिक समय से फंसी हुई थी। वन विभाग का अमला इतना समय निकल जाने के बावजूद

उसका रेस्क्यू करने में पूरी तरह से नाकाम रहा। मादा हाथी की मौत से छत्तीसगढ़ के वन विभाग के

ऊपर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

 

सवाल यह उठता कि क्या वन विभाग के पास ऐसी परिस्थितियों से निपटने के कोई योजना नहीं है?

राज्य में इतना बड़ा बजट मिलने के बाद भी क्या उसके पास संसाधनों की कमी है। वह भी उन

परिस्थितियों में जब राज्य हाथी प्रभावित रहा है, जहां हाथियों को लेकर एक बड़ा प्रोजेक्ट चल रहा है।

 

हाथी के आम-दरफ्त को देखते ही करोड़ों का प्रोजेक्ट लेमरु हाथी कॉरीडोर बनाया जा रहा है। वहां पर

एक हाथी 38 घंटे से ज्यादा समय तक फंसे रहती है। क्या वन विभाग के अफसर उसे डॉक्टरी सहायता

भी उपलब्ध नहीं करा पाए? आखिर क्या वजह थी जो वन अमला नाकाम रहा या फिर हाथ पर हाथ धरे

बैठा रहा? ऐसे में सवाल तो अब यह भी उठता है कि क्या वन मंत्री इस घटना पर संज्ञान लेंगे? क्या किसी

बड़े अधिकारी के ऊपर भी जिम्मेदारी तय की जाएगी या फिर इस मामले को यूं ही ठंडे बस्ते में डाल दिया

जाएगा? जानकारी के मुताबिक 12 वर्षीय यह मादा हाथी अपने दल से बिछड़कर दल-दल में जाकर गिर

गई थी।

 

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