जगदलपुर। नक्सली अपनी जरूरतों के लिए मासूमों का सहारा ले रहे हैं। अपनी मदद के लिए पोटा केबिन में पढ़ रहे बच्चों को हिंसा की आग में झोंक रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार दंतेवाड़ा जिला के अंतर्गत पोटाकेबिन में पढ़ रहे बच्चों को अपनी बातों में फंसा कर वे अपने लिए दवाई व अन्य सामानों की पोटाकेबिन से चोरी कर उनको देने के लिए बाध्य कर रहे हैं। वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित पोटाकेबिनों के पढ़ने वाले कई बच्चे इसमें शामिल हैं। अपनी स्वार्थ पूर्ति के लिए बच्चों को अपने प्रभाव में लेकर काम कराने के कई प्रकरण सामने आ चुके हैं। इस सिलसिले में पिछले 3 महीने में 6 से अधिक छात्रों का नक्सलियों से संबंध रखना पाया गया है।  

किताबों के बजाए हिंसा की शिक्षा :

उल्लेखनीय है कि इन पोटाकेबिनों में रह कर पढ़ने वाले कई छात्रों को नक्सलियों ने अपना शिकार बना रखा है। इस संबंध में दंतेवाड़ा जिला के अंतर्गत कुआकोंडा पोटाकेबिन के छात्र को पकड़े जाने के बाद पुलिस ने ऐसे मामलों की जांच में तेजी लाई है और बच्चे के पास से जब्त हुए मोबाइल को सायबर सेल में रखा गया है। इस संबंध में जिलाधीश दंतेवाड़ा टोपेश्वर वर्मा ने जानकारी देते हुए कहा कि ऐसे मामलों पर रोक लगाने ट्राइबल व शिक्षा विभाग को जरूरी निर्देश दिए गए हैं। इसी सिलसिले में बीईओ, बीआरसी, अधीक्षकों की भी बैठक ली जा रही है। एसपी डॉ अभिषेक पल्लव ने बताया कि नक्सली स्कूल में पढऩे वाले व केबिन छोड़ चुके तथा पढ़ाई छोड़ चुके मासूम बच्चों का भविष्य बनाने के बजाय उनके बचपन को हिंसा की आग में झोंक रहे हैं।  

हथियार चलाने का दे रहे प्रशिक्षण :

पिछले कई दिनों से कुछ ऐसी घटनाएं सामने आई जिनमें बच्चों की संलग्रता को देखा गया। क्षेत्र के कासोली में बस को आग के हवाले करने की घटना में शामिल करीब 19 साल की नक्सली पकड़ाई थी। यह नक्सली युवती कन्या आश्रम की छात्रा थी। इसी ने पूछताछ में जानकारी दी थी कि आश्रम व छात्रावासों में रहने वाले छात्रों को नक्सली हथियार चलाने की ट्रेनिंग दे रहे हैं। पढ़ते समय वह भी संगठन में शामिल हुई और पढ़ाई छोड़ कर नक्सलियों के लिए काम कर रही थी। ऐसी कई घटनायें घटित हुई हैं। जिनकी पुलिस जांच कर आवश्यक कदम उठा रही है।   Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें  Facebook पर Like करें, Twitter पर Follow करें  और Youtube  पर हमें subscribe करें।