रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह (Former Chief Minister Dr Raman Singh) की विकास यात्रा (vikas yatra) पर रायपुर की राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ(Raipur State Small Forest Co-operative Association) की 12 यूनियंस ने 93 लाख रुपए से ज्यादा खर्च किए। सूचना के अधिकार के तहत निकाली गई जानकारी में ये बात सामने आई।

12 यूनियंस ने खर्च की थी ये रकम:
आरटीआई एक्टिविस्ट राकेश कुमार चौबे ने सूचना के अधिकार के तहत ये दस्तावेज निकाले थे। इसमें ये बात सामने आई कि वर्ष 2018 में सिर्फ रायपुर में हुई विकास यात्रा पर छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ मर्यादित(Chhattisgarh State Small Forest Produce Cooperative Association) की 12 जिला यूनियंस ने 93, 02 397 रुपए खर्च किया था। पूरे जिले में ऐसी कुल 31 यूनियंस हैं। सूचना के अधिकार के तहत निकाले गए ये दस्तावेज तो यह महज एक जिले रायपुर का ट्रेलर भर हैं। ऐसे में पूरे राज्य में कितना पैसा खर्च हुआ होगा इसका अंदाजा भी आसानी से लगाया जा सकता है। पूरे राज्य में यह आंकड़ा कई करोड़ रुपए में आएगा।
बन सकता था एलिफैंट कॉरिडोर:
जाहिर सी बात है जितने पैसों की बर्बादी विकास यात्रा के नाम पर की गई। उतने में आराम से एलिफैंट कॉरिडोर बनकर तैयार हो जाता। इससे तमाम गांवों और आदिवासियों की रक्षा होती, मगर ऐसा नहीं किया गया। प्रदेश में जितने पैसों की बरबादी इस दिखावे के नाम पर हुई, उसको अगर विकास कार्य पर लगाया गया होता तो नि: संदेह सरकार की छवि भी सुधरती और लोगों का विश्वास भी अपने मुखिया के प्रति बढ़ता।
15 साल में विकास के तमाम दावे:
प्रदेश में अपने 15 साल के शासनकाल के दौरान भाजपा सरकार ने विकास के एक से बढ़कर एक दावे किए। जब से सरकार बदली है, नई सरकार का ज्यादा से ज्यादा समय तो कार्रवाई करने में ही जाया हो रहा है। आए दिन कोई न कोई नेता या फिर अधिकारी किसी न किसी पर कार्रवाई होती है। ऐसे में अगर पूर्ववर्ती सरकार ने विकास किया होता तो जिम्मेदारों की कम से कम ये हालत तो नहीं होती।

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