महासमुंद। जिले के सिरपुर (Sirpur)  और तुमगांव (Tumgnav) इलाके में इन दिनों 18 दंतैलों (wild elephant) का एक दल जमा हुआ है। ऐसे में पुलिस प्रशासन और वन विभाग (Police Administration and Forest Department) के अधिकारी कांवरियों को रात में जल नहीं अर्पित करने की सलाह दे रहे हैं। पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह (Superintendent of Police Santosh Kumar Singh) ने बताया कि इन मार्गों पर हमेशा ही हाथियों का आना-जाना लगा रहता है। तो सावन के पावन महीने में इन्हीं रास्तों से होकर कांवरिए गंधेश्वर महादेव (Gandheshwar Mahadev) को जल ढालने भी जाते हैं। ऐसे में अगर रात हो जाती है तो कांवरियों को वहीं सुरक्षित स्थानों पर रोक लिया जाता है।

सुरक्षा के किए जा रहे व्यापक प्रबंध:
एसपी संतोष कुमार सिंह ने कहा कि सुबह भी कांवरियों को यूं ही नहीं छोड़ा जाता। पहले वन विभाग और पुलिस बल का संयुक्त दस्ता मार्ग की निगरानी करता है। उसके बाद अगर सब कुछ ठीक मिला तभी कांवरियों को आगे जाने की इजाजत दी जाती है। अगर कहीं भी जरा सी भी आहट लगती है कि इधर से दंतैलों का दल गुजरने वाला है तो तत्काल ही ट्रैफिक और पैदल जाने वालों को रोक दिया जाता है। प्रशासन किसी भी तरह का रिस्क नहीं उठाना चाहता।

नदी पार कर चले जाते हैं आरंग:
नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि तुमगांव इलाके में अक्सर ही जंगली हाथियों का जमावड़ा रहता ही है। तो यहीं से नदी पार कर इनका दल आरंग और नया रायपुर तक चला जाता है। जब उधर से इनको हांका लगाया जाता है तो फिर ये नदी पार कर तुमगांव चले आते हैं। इस दल में कुुल 18 दंतैल हैं।

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