रायपुर। प्रदेश में एकबार फिर बिजली कटौती के नाम पर एक और गिरफ्तारी हुई है। इसबार महासमुंद में न्यूज वेब पोर्टल चलाने वाले एक पत्रकार दिलीप शर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में महासमुंद के कांग्रेसी विधायक विनोद चंद्राकर ने सवाल उठाया है। उन्होंने पुलिस द्वारा की गई गिरफ्तारी को विधि विरुद्ध बताया है। जिसके कारण जनमानस और पत्रकारों में इस मामले को लेकर खासा रोष है। विधायक ने इस मामले की जांच और दोषियों के खालफ कार्रवाई की मांग की है।

कांग्रेसी विधायक ने मामले के विरोध में लिखा खत

विधायक ने गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू को पत्र लिखा है कि दिलीप शर्मा महासमुंद के प्रतिष्ठित पत्रकार हैं। वे पूर्व में कई सामाचार पत्रों से संबंधित रहे हैं। वर्तमान में वे वेबमोर्चा का संचालन कर रहे हैं। 8 जून को उन्होंने वेबमोर्चा में महासमुंद जिले के 40 गांवों में बिजली बंद ब्लैक आउट की खभर प्रकाशित की थी। इस खबर को बड़ी संख्या में पाठकों ने भी पढ़ा था। 13 जून की मध्यरात्रि को सिटी कोतवाली में महासमुंद के राज्य विद्युत मंडल के संभागीय यंत्री द्वारा इस खबर को लेकर एफआईआर दर्ज कराई गई। एफआईआर दर्ज होते ही मध्यरात्रि को जब दिलीप शर्मा अपने घर में परिवार सहित सो रहे थे उसी दौरान महासमुंद पुलिस के कुछ अधिकारी कर्मचारी उनके घर पहुंचे।

दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

विधायक ने पत्र में लिखा है कि एफआईआर दर्ज होने के कुछ मिनटों के बाद बिना वैधानिक विवेचना के पत्रकार को सोते हुए से उठाकर गिरफ्तार कर थाना ले जाया गया। जो पूरी तरह से गलत है, 14 जून को उन्हें न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय द्वारा दिलीप शर्मा को तत्काल जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया गया। कांग्रेस विधायक ने कहा कि अगर एफआईआर दर्ज हुई थी तो उसकी विधि सम्मत जांच होनी चाहिए थी। जो इस मामले में परिलक्षित नहीं है। उन्होंने पुलिस द्वारा की गई गिरफ्तारी को विधि विरुद्ध बताते हुए कहा कि इससे पत्रकारों एवं आम जनता में आक्रोश व्याप्त है। विधायक ने गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू से पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के लिए अपनाए गए तरीके की जांच कर दोषी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।