नई दिल्ली । 26 फरवरी को भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक किया था। एक ऐसा सटीक हमला जिसमें सौ से ज्यादा की संख्या में आतंकी मारे गए थे। इस मिशन के लिए भारतीय वायुसेना ने कई दिनों तक अभ्यास किया था। हमला कब करना है। कैसे इसे अंजाम देना है। इसकी किसी को कानों-कान खबर तक नहीं थी। इस सीक्रेट मिशन के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा वायु सेना के आला अधिकारी और सिर्फ पायलट ही जानते थे। इस एयर स्ट्राइक को अंजाम देने वाले दो पायलटों ने नाम न बताने की शर्त पर बालाकोट में एयर स्ट्राइक की पूरी कहानी बताई।
कई दिनों तक किया गया अभ्यास:
26 फरवरी को सुबह 2 बजे से 4 बजे तक मिराज ने सर्जिकल स्ट्राइक के लिए एयर बेस से उड़ान भरी थी। टार्गेट था बालाकोट में जैश का आतंकी अड्डा। पायलट ने बताया कि स्ट्राइक से कुछ दिन पहले ही उनकी ट्रेनिंग शुरू हो गई थी। भारतीय वायुसेना के मिराज 2000 के तीनों स्क्वाडर्न लगातार इसकी प्रैक्टिस कर रहे थे।
शाम 4 बजे विमानों में लगाए गए बम और मिसाइलें :
किसी को ये पता नहीं था कि कौन उस मिशन पर जाने वाला है। मिराज विमान लगातार उड़ान भर रहे थे और अपने टारगेट तक पहुंचने के लिए अभ्यास कर रहे थे। उस वक़्त विमानों में किसी भी तरह का पेलोड नहीं लगा था। जिस दिन स्ट्राइक होनी थी, उससे ठीक एक दिन पहले शाम चार बजे के आस-पास एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस टीम को यह बताया गया कि मिराज में कौन-कौन से बम और मिसाइल लगाए जाने हैं। स्पाइस 2000 और क्रिस्टल मेज बमों को अलग-अलग जेट में लगाया गया था।
परिवार और दोस्तों तक को नहीं बताया:
6-6 मिराज विमानों के दो पैकेज के लिए जिन 12 पायलटों को चुना गया था, उनमें से एक पायलट ने बताया कि वैसे तो तैयारी रोज हो रही थी और वो किसी अभियान का हिस्सा बनने के लिए हर वक़्त तैयार रहते है, लेकिन जिस समय उन्हें इस मिशन के लिए चुना गया तो वह खासे उत्साहित थे। हालांकि वह परिवार और दोस्तों के सामने बहुत सामान्य व्यवहार कर रहे थे, जिससे इस मिशन को राज रखा जा सके। दरअसल इस मिशन की कामयाबी टिकी थी इसकी गोपनीयता पर और ये भारतीय वायुसेना के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी जिसे बेहतर तरीके से अंजाम दिया जाना था।
बम ड्राप कर तुरंत वापस लौटें:
पायलटों ने ये तो नहीं बताया कि वो एलओसी पार कर के कितने अंदर तक गए थे, लेकिन ये जरूर साझा किया कि वह तय किए गए टैकटिकल रूट को फॉलो करते हुए अपने टार्गेट तक पहुंचे थे। जिन 6 मिराज को स्पाइस बम गिराना था उनके लिए साफ निर्देश दिए गए थे की बम ड्रॉप कर के तुरंत वापस लौटना है। पायलटों ने वैसा ही किया।
60 से 90 सकेंड में वापस :
एक पायलट ने बताया कि टार्गेट के पास पहुंचते ही पहले से ही प्रोग्राम किए हुए स्पाइस बम को उन्होंने रिलीज कर दिया और महज 60 से 90 सकेंड में वह भारतीय सीमा के पास के एयर फील्ड में लैंड कर गए। इस मिराज के पैकेज को भारतीय वायुसेना के दूसरे विमान भी लगातार निगरानी और सपोर्ट दे रहे थे।
हमले के बाद क्या किया पायलट्स ने:
दोनों पायलटों से जब पूछा गया कि स्ट्राइक के बाद आखिर उन्होंने किया क्या? इस सवाल के जवाब में उनका कहना था कि वो दो दिन तक बस आराम करते रहे और सोते रहे। दरअसल वो लगातार अभ्यास के चलते काफी थक गए थे। लेकिन जैसे ही मिराज के सर्जिकल स्ट्राइक में शामिल होने की बात सामने आई पायलटों को उनके परिवारवालों ने फोन और वॉटस्एप पर कॉल करने शुरू कर दिए। लेकिन इन दोनों ने अपने-अपने फोन बंद कर लिए थे। इतना ही नहीं पायलटों ने स्ट्राइक से पहले और स्ट्राइक के बाद किसी तरह की छुट्टी भी नहीं ली थी।
कहां बम ड्राप करना है पहले से था तय:
एक पायलट ने बताया कि बम पूरी तरह से पहले से ही प्रोग्राम किया हुआ था, जो टार्गेट उसमें सेट किया गया था वो जीपीएस से कनेक्ट था। बम को पहले से ही तय की गई जगह पर रीलीज किया गया। करिगल के दौरान कुछ तस्वीरें ऐसी देखी गई थी जिनमें बम पर कुछ न कुछ पाकिस्तान के लिए संदेश लिखा होता था। लेकिन जब पायलटों से पूछा गया कि क्या उन स्पाइस बम पर भी पाकिस्तान के लिए कुछ लिखा गया था तो उनका कहना था कि स्पाइस बम इतना खूबसूरत है कि उस पर कुछ लिखने का मन ही नहीं करता। भारतीय वायुसेना ने 5 स्पाइस बम को बालाकोट में लॉन्च किया और तेजी से वापस लौट आए।

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