बिलासपुर । भीमा मंडावी हत्याकांड मामले की जांच अब छत्तीसगढ़ पुलिस नहीं करेगी। छत्तीसगढ़ पुलिस ने घटना के रिकॉर्ड नहीं दिए । इसके बाद एनआईए ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पुलिस की जांच पर रोक लगा दी है। मामले की सुनवाई जस्टिस प्रशांत मिश्रा की अदालत में हुई । केंद्र सरकार ने भीमा मंडावी की हत्या के मामले की जांच राज्य सरकार की सहमति के बगैर एनआईए को सौंप दिया था।
क्या है पूरा मामला:
दरअसल 9 अप्रैल को कुआकोंडा थाना क्षेत्र के नकुलनार-बचेली मार्ग से गुजरते समय भीमा मंडावी के काफिले को नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट से उड़ा दिया था। इसमें भीमा मंडावी और पांच सुरक्षा जवानों की मौत हो गई थी। तो वहीं उस हमले के एक -एक सूत्रधार पर सुरक्षाबलों ने शिकंजा कस रखा है। हमले को अंजाम देने वाले कई माओवादी मास्टरमाइंड सलाखों के पीछे हैं। कइयों ने सरेंडर कर दिया है। सुरक्षाबलों की मेहनत और सरकार की नीतियों की वजह से बड़े-बड़े नक्सली अब सरेंडर कर रहे हैं। इससे भी नक्सलियों के आंदोलन की कमर लगातार टूटती जा रही है।
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