रायपुर। छत्तीसगढ़ के प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया ने लोकसभा में मिली करारी हार की जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफे की पेशकश की है। उन्होंने अपना इस्तीफा एआईसीसी के अध्यक्ष राहुल गांधी को भेज दिया है। शनिवार को ये जानकारी कांग्रेस के जानकार सूत्रों ने दी। उन्होंने बताया कि राहुल गांधी इस्तीफा देने पर अड़े हैं उनको इससे मनाने के लिए पूरे देश के 140 नेताओं ने इस्तीफा दिया है। उन्हीं में से एक पीएल पुनिया भी बताए जा रहे हैं।

क्यों किया उन्होंने ऐसा:
अब कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस के सभी नेताओं की राहुल गांधी से गुजारिश की है कि वह पार्टी अध्यक्ष पद पर बने रहें। प्रत्येक प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें राहुल गांधी से अपने तरीके से पार्टी चलाने के लिए कहा गया है।
खेड़ा ने आगे कहा, कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने भी राहुल गांधी का इस्तीफा खारिज कर दिया था। सामूहिक इस्तीफे पर नेताओं के हस्ताक्षर और उसे राहुल गांधी को भेजने का मतलब है कि वह कांग्रेस अध्यक्ष पद पर बने रहें। कांग्रेस में हर शख्स को अपनी भावनाएं व्यक्त करने का पूरा अधिकार है। पवन खेड़ा ने कहा, ”जनता ने भारतीय जनता पार्टी को बड़ा जनादेश दिया है। अब बीजेपी उन्हें उपहार वापस दे रही है। सरकार ने जमा पूंजी पर ब्याज दरों में कटौती की है। छोटी बचत मिडिल क्लास और रिटायर्ड लोगों के लिए बहुत मायने रखती है। अब बीजेपी लोगों की जमा पूंजी नष्ट कर रही है। लोग जमा पूंजी अपने सुरक्षित भविष्य के लिए रखते हैं। कांग्रेस और बीजेपी द्वारा दी जा रही ब्याज दरों में बहुत अंतर है। कांग्रेस चाहती है कि केंद्र सरकार अपने फैसले को वापस ले”।

राहुल गांधी के फैसले के बाद कांग्रेस में सामूहिक इस्तीफा

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के दुख जताने के बाद बड़े पैमाने पर कांग्रेसी नेताओं ने अपने पद से इस्तीफा दिया। इनमें दिल्ली कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश लिलोठिया, अनिल चौधरी, महिला कांग्रेस अध्यक्ष सुमित्रा चौहान, तेलंगाना की प्रभारी पूनम प्रभाकर, बिहार प्रभारी विरेंद्र राठौड़, यूथ कांग्रेस के उपाध्यक्ष श्रीनिवास, मध्य प्रदेश के प्रभारी दीपक बाबरिया और गोवा के प्रभारी गिरीश चौधणकर शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस के करीब 140 पदाधिकारियों ने राहुल गांधी को सामूहिक इस्तीफा सौंपा है।

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