रायपुर। बहुचर्चित नान घोटाले (NAN Scam Chhattisgarh) में ईओडब्लू (EOW) ने आज एकाउंट ऑफिसर चिंतामणि चंद्राकर (Chintamani Chandrakar) की गिरफ्तारी हुई। ऐसी जानकारी मिली है कि ईओडब्लू ने दुर्ग (Durg) से उन्हें हिरासत में लिया। फिलहाल राजधानी में किसी स्थान पर कड़ी पूछताछ की जा रही है। ऐसी जानकारी मिल रही है कि ईओडब्लू इसका खुलासा करेगी।

चिंतामणि चंद्राकर ही निकले सीएम साहब

36 हजार करोड़ का नान घोटाले (NAN Scam Chhattisgarh) का उजागर उस दौरान हुआ जब चिंतामणि चंद्राकर (Chintamani Chandrakar) नान के रायपुर ऑफिस में एकाउंट ऑफिसर थे। नान की चर्चित लाल डायरी में चिंतामणि का नाम कोड वर्ड में सीएम साहब लिखा हुआ था। सीएम चंद्राकर को किस डेट में कितनी रकम दी गई इसकी जानकारी भी इस डायरी में है। नान के मुख्य आरोपी शिवशंकर भट्ट (Shivshankar Bhatt) ने दो रोज पहिले जो शपथ पत्र दिया, उसमें भी चिंतामणि का जिक्र था।

कांकेर, रायपुर, दुर्ग से लेकर बैंगलुरू तक बनाई अवैध संपत्ति

नान मामले में एसआइटी गठन के बाद ईओडब्लू (EOW) की टीम ने सबसे पहले चिंतामणि चंद्राकर (Chintamani Chandrakar) के ठिकानों पर दबिश देकर बड़े पैमाने पर अवैध संपत्ति का पर्दाफाश किया। वर्तमान में चंद्राकर स्टेट सिविल सप्लाई कॉरपोरेशन लिमिटेड में उप लेखाधिकारी के पद पर तैनात है। रायपुर (Raipur), दुर्ग (Durg), कांकेर (Kanker) से लेकर एक टीम ने बैंगलुरू (Bangalore) में चिंतामणि के बेटे हर्ष चंद्राकर के फ्लैट पर भी छापेमारी की थी। जांच टीम को यहां से करोड़ो की चल अचल सम्पत्ति की जानकारी मिली। चिंतामणि के नाम से प्लाट और मकान भी मिले थे। जिसमें करोड़ों के लेनदेन का खुलासा हुआ था। बता दें कि चिंतामणि चंद्राकर का नाम नान घोटाले में सामने आया था। उनपर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। जिसको लेकर ईओडब्ल्यू (EOW) की टीम ने उन्हें हिरासत मे लिया है। ईओडब्ल्यू के एडीजी जीपी सिंह ने पुष्टि की है।

शिवशंकर भट्ट ने शपथपत्र में किया था खुलासा

आपको बता दें कि ईओडब्लू (EOW) अधिकारी सुबह छह बजे चिंतामणि के आदर्श नगर दुर्ग (Durg) स्थित आवास पहुंचे। दरवाजा खटखटाने पर पहले तो चिंतामणि ने दरवाजा नहीं खोला। मगर बाद में जब काफी शोर होने लगा तो चिंतामणि की पत्नी ने दरवाजा खोला। आरोपी चिंतामणि को लेकर एसआइटी रायपुर के लिए निकल आई। 2015 में हुए नान घोटाले (NAN Scam Chhattisgarh) में शिवशंकर भट्ट ने शपथ पत्र देकर पूर्व सीएम रमन सिंह (Former CM Dr Raman Singh), खाद्य मंत्री पुन्नूलाल मोहले (Punnulal Mohile), नान के पूर्व एमडी और रिटायर आईएफएस अधिकारी कौशलेंद्र सिंह का नाम लिया है।

क्या है नान घोटाला

साल 2015 में नागरिक वितरण प्रणाली में भारी गड़बड़ी होने का पता चला था। इस स्कीम के तहत छत्तीसगढ़ सरकार गरीबों को एक रुपए किलो के हिसाब से चावल बांटती है। ईओडब्ल्यू (EOW) और एसीबी (ACB) टीम ने फरवरी 2015 में नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इसमें 36 हजार करोड़ की आर्थिक अनियमितता की जानकारी मिली। इसी गड़बड़ी की अब प्रदेश की मौजूदा कांग्रेस सरकार नए सिरे से जांच करवा रही है।

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