रायपुर। विधानसभा में चौथे दिन भी धान खरीदी का मुद्दा गरमाता रहा। बीजेपी ने शून्यकाल में धान

का रकबा कम किए जाने का मामला उठाते हुए आसंदी से स्थगन पर चर्चा की मांग की। खाद्य मंत्री

अमरजीत भगत के रकबे में कटौती के संबंध में निर्देश नहीं दिए जाने की जानकारी दिए जाने के बाद

आसंदी ने स्थगन प्रस्ताव अग्राह्य कर दिया। बीजेपी ने इस पर आपत्ति जताते हुए जमकर हंगामा मचाया।

आखिरकार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।

 

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक:

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने धान खरीदी के रकबे को कम किए जाने पर कहा कि

यह गंभीर मामला है, किसानों में हित से जुड़े इस मामले पर चर्चा की जानी चाहिए। बीजेपी विधायक

शिवरतन शर्मा ने कहा कि एक उच्च स्तरीय अधिकारी ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देशित किया है कि

धान का रकबा कम किया जाए।

 

अजय चन्द्राकर ने कहा:

अजय चन्द्राकर ने कहा कि कृषि, राजस्व विभाग के लोग किसानों को रकबा कम करने डरा रहे हैं। मुख्य

सचिव ने कलेक्टरों को रकबा कम करने निर्देश दिया है। हर जिले में रकबा घटाने का टारगेट दिया गया है।

चंद्राकर ने कहा जिला कलेक्टरों ने तहसीलदार को और तहसीलदार ने पटवारियों को रकबा कम करने लक्ष्य

दिया है। सरकार इसके जरिये 3 से 4 लाख हेक्टेयर की धान खरीदी से बचना चाह रही है। किसान अस्त व्यस्त

हो गए है और अपने आप को ठगा महसूस कर रहा हैं।

 

चर्चा में शामिल होते हुए बृजमोहन अग्रवाल:

विपक्ष की ओर से चर्चा में शामिल होते हुए बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि किसान इससे चिंतित हैं।इस निर्णय

से किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाएगा। पूरे प्रदेश में करीब 5 लाख हेक्टेयर रकबा कम करने के

निर्देश हैं। ये किसानों के साथ अत्याचार है।

 

चर्चा के दौरान जेसीसी विधायक धर्मजीत सिंह:

चर्चा के दौरान जेसीसी विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि जब रजिस्ट्रेशन सरकार ने किया है तो अब किसानों

को रकबा कम करने के नाम पर परेशान करने की जरूरत नहीं है। जिस पर डॉक्टर रमन सिंह ने कहा कि यह

बेहद गंभीर मामला है। लिखित रूप से यह निर्देश जा रहा है। आदेश में लिखा गया है कि हर जिले में 15 हजार

हेक्टेयर रकबा कम किया जाए।

 

आदेश में कहा गया है कि यदि रकबा कम नहीं हुआ तो संबंधित जिले के अधिकारियों-कमर्चारी जिम्मेदार होंगे।

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा है कि धान खरीदने वाली सरकार किसानों को धमका रही है, रकबा कम

करने की धमकी दी जा रही है। एफआईआर तक की धमकी किसानों को दी गई है। किसान पर्ची लेकर सोसायटी

में जा रहे है, लेकिन खरीदी नहीं हो रही। दो-दो लाख मीट्रिक टन धान सभी जिलों से कम खरीदने की ये साजिश है।

 

विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि रकबे में अनावश्यक कटौती करने कोई

निर्देश जिला कलेक्टरों को नहीं दिया गया है, रकबा संशोधन के निर्देश दिए गए हैं। जिसके बाद विपक्ष ने हंगामा

शुरू कर दिया। आखिरकार आसंदी को सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।

 

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