नई दिल्ली/बीजिंग। कोराना वायरस की वजह से चीन में मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। इस वायरस से संक्रमित अब तक 563 लोगों की मौत हो चुकी है वहीं 28 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं।

बुधवार को इस वायरस की वजह से 73 लोगों की मौत हुई है। चीन में लगातार बढ़ती मौतों के बाद अब भारत में इस वायरस के इलाज को लेकर बड़ा कदम उठाया गया है। भारत के औषधि महानियंत्रक (डीजीसीआई) ने कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज में एचआईवी संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले दवाओं के मिश्रण के सीमित प्रयोग को मंजूरी दे दी है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।

एचआईवी संक्रमण की दो दवाओं के सीमित मिश्रण के प्रयोग की अनुमति

सरकारी सूत्रों के मुताबिक स्वास्थ्य संबंधी शोध कार्यों की शीर्ष संस्था भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने सांस संबंधी इस बीमारी के इलाज में दो दवाओं के मिश्रण के सीमित इस्तेमाल के लिए डीजीसीआई से आपात अनुमति मांगी थी। ये दवा हैं-लोपिनेविर और रिटोनेविर।

आईसीएमआर के एक अधिकारी ने बताया कि हमने इन दवाओं को लेकर कुछ अध्ययन किए हैं और पाया है कि कोरोना वायरस के इलाज में इन दवाओं का मिश्रण कारगार साबित हो सकता है। इस कांबिनेशन का कुछ अन्य दवाओं के साथ चीन में भी प्रयोग किया जा रहा है। थाइलैंड में इसके इस्तेमाल से कोरोना वायरस के एक मरीज का सफलतापूर्वक इलाज भी हो चुका है। सूत्रों ने बताया कि इन दोनों दवाओं के इस्तेमाल से पहले डॉक्टर को मरीज की मंजूरी लेनी पड़ती है।

केरल में पुष्टि अन्य राज्यों में संदिग्ध अस्पतालों के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती

बता दें कि भारत में अब तक तीन मरीजों के कोरोना वायरस से पीड़ित पाया गया है। ये तीनों ही मामले केरल में सामने आए हैं। इनमें एक छात्रा और दो छात्र हैं, जो कोरोना वायरस के केंद्र चीन के वुहान शहर में पढ़ाई कर रहे थे और हाल ही में वहां से लौटे थे।

इन्हें विभिन्न अस्पतालों के आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है और उनकी हालत स्थिर बताई गई है। इसके अलावा कोरोना वायरस के लक्षण वाले कई लोगों को भी चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया है, हालांकि, तीन को छोड़कर देश में कोरोना वायरस का कोई दूसरा मामला सामने नहीं आया है।

 

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