जीपी सिंह

रायपुर। दुर्ग आईजी विवेकानंद सिन्हा को नक्सलियों की 2 करोड़ की राशि गबन करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। 2016 में गिरफ्तार नक्सली पहाड़ सिंह से करीब 2 करोड़ रुपए मिले थे। पूछताछ में आरोपी ने नोटबंदी के चलते स्थानीय कारोबारियों को पुराने नोट देने की जानकारी दी थी।

तत्कालीन आईजी जीपी सिंह ने सभी को पूछताछ के लिए बुलाया था मगर बाद में पूरा मामला ही दब गया। अब इसके तत्कालीन विवेचना अधिकारियों से पूछताछ करने और फाइल दोबारा खोलने कहा गया है।

नक्सलियों के 2 करोड़ हड़पने का आरोप

नक्सलियों की 2 करोड़ की राशि गबन करने का गंभीर आरोप निलंबित IPS अफसर जीपी सिंह पर लगा है। इस मामले में राज्य सरकार ने अब जांच के आदेश दे दिए हैं। राजनांदगांव के ज्ञानेंद्र यादव नामक एक व्यक्ति ने जीपी सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज की है। जिसमें लिखा है कि 2016 में जीपी सिंह दुर्ग रेंज के IG हुआ करते थे। उस दौरान पुलिस ने पहाड़ सिंह के पास से 2 करोड़ रुपये पकड़ा था। यह रकम नोटबंदी के दौरान नक्सली पहाड़ सिंह ने व्यापारियों को बदलने के लिए दिए थे। गिरफ्तारी के दौरान पहाड़ सिंह ने बताया था कि वह किन-किन व्यापारियों को नोट बदलने के लिए दिए हैं। IG जीपी सिंह ने उन व्यापारियों को फंसाने की धमकी देकर वह रकम वसूल लिए और फिर उसका गबन कर लिया। इस मामले में IG जीपी सिंह पर नक्सलियों के साथ सांठगांठ का भी आरोप लगाया है।

22 वर्षीय युवक ने जीपी के खिलाफ दर्ज की शिकायत

निलंबित IPS जीपी सिंह के खिलाफ सरकार ने जिस मामले की जांच करने के लिए स्पेशल डीजी अशोक जुनेजा को नियुक्त किया है। उस मामले की शिकायत 22 साल के एक युवक ने दर्ज कराई है। देवेंद्र नगर के रहने वाले दुर्लभ अग्रवाल ने शिकायत में लिखा है कि 2013 में उसके और उसके परिवार के साथ रायपुर एसपी ऑफिस में एसपी ओपी पाल और तत्कालीन DSP अर्चना झा की तरफ से हमला किया गया था। जिसकी शिकायत हुई तो IPS जीपी सिंह को मामले की जांच का जिम्मा सौंपा गया। लेकिन इस मामले में IG जीपी सिंह ने बिना जांच किए ही मीडिया में यह बयान दिया कि उन्होंने CCTV देखा है। इसमें किसी तरह का अपराध नहीं हो रहा है। स्पेशल डीजी नक्सल ऑपरेशन अशोक जुनेजा इस मामले की जांच करेंगे।

मंजीत कौर बल ने भी की शिकायत

समाज सेविका मनजीत कौर बल ने भी निलंबित IPS अफसर जीपी सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज की है। उनकी शिकायत के आधार पर सरकार ने रायपुर रेंज IG आनंद छाबड़ा को जांच अधिकारी बनाया है। इस मामले में गंभीर मामलों में आरोपी कमलाकांत तिवारी को बचाने की निलंबित IPS जीपी सिंह ने कोशिश की थी। मामला 2016 का है।

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