जीपी सिंह

रायपुर/नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के निलंबित एडीजी जीपी सिंह के खिलाफ रायपुर में दर्ज राजद्रोह मामले में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने गिरफ्तारी पर रोक लगाने की याचिका खारिज कर दी है।

बता दें कि IPS जीपी सिंह हाईकोर्ट में गिरफ्तार पर रोक और जांच पर स्टे न मिलने पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। जीपी सिंह के तरफ से सीनियर एडवोकेट यूआर ललीत खड़े हुए थे। वकीलों की टीम में दिवंगत भाजपा नेत्री सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज भी शमिल थी।

सरकार की तरफ से मुकुल रोहतगी खड़े हुए। मगर सीजेआई ने मुकुल रोहतगी को सुने बिना याचिका खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद जीपी सिंह के पास अब सरेंडर के अलावा कोई चारा नहीं बचा है। क्योंकि, हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट से भी उनकी याचिका खारिज हो गई है।

बता दें कि एंटी करप्शन ब्यूरो ने सीनियर आईपीएस अफसर जीपी सिंह और उनके करीबियों के ठिकानों पर छापा मारा था। आईपीएस अफसर जीपी सिंह एंटी करप्शन ब्यूरो के चीफ रह चुके है। सीनियर आईपीएस अफसर जीपी सिंह पर आय से अधिक संपत्ति का आरोप है।

ईओडब्ल्यू और एसीबी की संयुक्त टीम ने 1 जुलाई 2021 को जीपी सिंह के पेंशन बाडा स्थित शासकीय आवास सहित उनके करीबी लोगों के 15 ठिकानों पर छापामारा था। इस दौरान 10 करोड़ 60 लाख रुपए की चल-अचल संपत्ति बरामद की गई थी।

इस दौरान उनके हाथ बेनामी संपत्तियों और मनीलाड्रिंग से संबंधित दस्तावेज भी बरामद किए गए थे। इसका ब्यौरा 15 जुलाई को ईओडब्ल्यू द्वारा करीब 80 पन्नों के दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य और कुछ अन्य जानकारियां भेजी गई थी।