रायपुर: छत्तीसगढ़ के निजी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के अभिभावकों के लिए एक अच्छी खबर है। स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी निजी स्कूलों के लिए नवीन आदेश ज़ारी किया है जिसके अनुसार यदि निजी स्कूलों द्वारा पाठ्य पुस्तक निगम से उपलब्ध कराइ जाने वाली निशुल्क किताबें ली जाती हैं तो निजी स्कूलों को इन्ही किताबों से पढाई भी कराना होगा और किसी भी अन्य निजी प्रकाशकों की पुस्तक से शिक्षण कार्य नहीं कराया जा सकेगा। स्कूलों द्वारा अभिभावकों को निजी प्रकाशकों की किताबे खरीदने के लिए भी परेशान नहीं किया जायेगा। यदि निजी स्कूलों द्वारा छात्रों को निजी प्रकाशकों की किताबों से अध्ययन करवाते पाया जाता है तो उनपर कार्यवाही की जाएगी।

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किताबें लेने के लिए देना होगा वचनपत्र

अब निजी स्कूलों को पाठ्य पुस्तक निगम से किताबे लेने के लिए वचन पत्र देना होगा जिसमे उन्हें वचन देना होगा यदि किसी कारणवश स्कूल बंद होने पर किताबे घर तक उपलब्ध कराना होगा। पाठ्य पुस्तक निगम भी अब स्कूलों को किताबें सीधे डिपो से उप्लब्ध करवाएगी और निजी स्कूलों को उपलब्ध करवाए गए किताबों की पावती आवश्यक रूप से पाठ्य पुस्तक निगम को स्कूलों से लेना होगा क्योंकि इसी के आधार पर लोक शिक्षण संचालनालय पाठ्य पुस्तक निगम को भुगतान करेगा। निशुल्क किताबो के लिए निजी स्कूल 30 सितम्बर तक ही आवेदन कर सकते हैं। इसके बाद आवेदन करने वाले निजी स्कूलों को किताबे नही दी जायेगी।

निजी स्कूलों को मिलने वाले आर.टी.ई राशि में भी होगी कटौती

स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा निजी स्कूलों को आर.टी.ई की जो राशि उपलब्ध कराई जाती है उसमे भी कटौती करने के निर्देश विभाग ने दिए हैं। दरअसल जिन निजी स्कूलों द्वारा निशुल्क किताबें ली जाएगी उन्हें आर.टी.ई की जो राशि उपलब्ध कराइ जाती है उसमे कटौती की जाएगी। ये कटौती किताबें उपलब्ध कराने के कारण की जाएगी। इसके लिए 250 रूपए प्राथमिक स्तर के लिए और 450 रूपए पूर्व माध्यमिक स्तर के लिए निर्धारित की गयी है।गौरतलब है की निजी स्कूलों को इस राशि का लंबे समय से भुगतान ही नहीं किया गया है।

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