“केंद्रीय गृह मंत्री अवार्ड”

रायपुर TRP NEWS/ केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से जांच में श्रेष्ठता के लिए केंद्रीय विभाग की तरफ से साल 2022 के लिए देशभर के अलग अलग राज्यों के 151 पुलिस कर्मियों का चयन “केंद्रीय गृह मंत्री अवार्ड” के लिए किया गया है। इनमे छत्तीसगढ़ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेंद्र कुमार जायसवाल, निरीक्षक दिनेश यादव व उप निरीक्षक दिव्या शर्मा का नाम भी शामिल है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी नाम अपने आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड किया है। बता दें कि ASP राजेंद्र कुमार जायसवाल वर्तमान में बिलासपुर में पदस्थ हैं।

आतंकियों के लिए फंडिंग करने वालों को पकड़ा

ASP राजेंद्र कुमार जायसवाल ने TRP न्यूज़ को बताया कि सन 2013 में वे रायपुर में पदस्थ थे और इस दौरान उनकी टीम ने टेरर फंडिंग के मामले का खुलासा किया था। तब धीरज साव, आयशा बानू और जुबैर नामक आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, जिनके बैंक खातों में पाकिस्तान और अन्य स्थानों से रकम आती और इसे इंडियन मुजाहिदीन और सिमी के लोगों को ट्रांसफर किया जाता था। इस मामले की न्यायलय में सुनवाई हुई और तीनों आरोपियों को 10-10 साल के कारावास की सजा सुनाई गई। श्रेष्ठ जांच की बदौलत हुई इस सजा के चलते ASP राजेंद्र कुमार जायसवाल का चयन “केंद्रीय गृह मंत्री अवार्ड” के लिए किया गया।

बच्ची के दुष्कर्मी पिता को दिलवाई मृत्यु पर्यन्त जेल की सजा

राजधानी के तेलीबांधा थाने में पदस्थ दिव्या शर्मा को सन 2021 में पॉक्सो एक्ट के एक मामले में कार्रवाई के लिए सम्मानित किया जा रहा है। दिव्या शर्मा ने संबंधित घटना की जानकारी देते हुए बताया कि तेलीबांधा थाना क्षेत्र में सौतेले पिता द्वारा 5 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म किये जाने की शिकायत उसकी माँ के द्वारा कराई गई थी। मामले की जांच करते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया गया। दिव्या शर्मा ने बताया कि इस घटना में बच्ची बुरी तरह घायल थी और डॉक्टरों ने उसकी हालत काफी गंभीर बताई थी, मगर उसका इलाज करा पाने में भी उसकी मां सक्षम नहीं थी। इसके चलते उन्होंने इलाज का जिम्मा उठाया और 10-12 दिन अस्पताल में भर्ती रहने के बाद पीड़िता की हालत में सुधार आया।

पीड़ित बच्ची की पढाई जारी रखने और उसे अच्छे माहौल में रखने के लिए दिव्या शर्मा के प्रयासों से उसे माना स्थित बालिका गृह में रखा गया। इस मामले में ट्रायल के बाद अदालत ने आरोपी को मृत्यु पर्यन्त तक जेल की सजा सुनाई। वहीं पुलिस द्वारा बच्ची की सामाजिक आर्थिक स्थिति की जानकारी दिए जाने के बाद अदालत ने पीड़िता को आर्थिक सहायता दिए जाने के साथ ही उसे नौकरी और उसके रहने के लिए एक मकान दिए जाने का भी आदेश प्रशासन को दिया। फ़िलहाल विधिक सहायता के तहत पीड़ित बच्ची को क्षतिपूर्ति और अन्य सहयोग दिए जाने की प्रक्रिया चल रही है।

बता दें कि इन पुरस्कारों को प्राप्त करने वाले कर्मियों में CBI के 15, महाराष्ट्र पुलिस के 11, MP पुलिस और यूपी पुलिस के 10-10, केरल पुलिस, राजस्थान पुलिस और पश्चिम बंगाल पुलिस के 8-8 और अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के संगठनों से हैं। इनमें 28 महिला पुलिस अधिकारी शामिल हैं।

देखें आदेश :

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