अनुमति नहीं मिलने पर भी नई टीम सीएम हॉउस घेरने की ज़िद में अड़ी, प्रदर्शनकारियों-पुलिस के बीच होगा खतरनाक टकराव

विशेष संवादाता, रायपुर। रोजगार के नाम पर नौकरी के नाम पर बेरोजगारी भत्ता के नाम पर लगातार छत्तीसगढ़ के युवाओं को ठगे जाने, झूठे दावे और खोखले वादे को लेकर 24 अगस्त को भाजयुमो की अगुवाई में भाजपाई हल्ला बोलेंगे। ऐसा दूसरी बार होगा जब 19 साल बाद बीजेपी संगठन का सभी मोर्चा जिसमे दिग्गज भी शामिल हैं एक साथ सड़क पर उतरेंगे।

हल्ला बोल के बहाने प्रदेश भाजपा संगठन के कनिष्ठ-वरिष्ठ और महिला मोर्चा अपनी अपनी भूमिका में होंगे। ऐसा धरना-प्रदर्शन पार्टी नेताओं-कार्यकर्ताओं ने जोगी शासनकाल में साल 2003 में किया था। इसके बाद सत्ता में लौटी बीजेपी ने 15 साल तक फील गुड किया। यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि लाठीचार्ज और उसके परिणाम अब तक भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए एकजुटता का सबब बने। भाजपा पर जोगी शासनकाल में तत्कालीन एसएसपी मुकेश गुप्ता (वर्तमान में निलंबित आईजी) ने लाठियां भांजकर कई दिग्गज पार्टी नेताओं का सिर फोड़ा था और हाथ-पैर तोड़ दिए थे।

परिणाम भाजपा को सत्ता सुख मिला। हालाकि बीजेपी के कम घायल ज़्यादा दिनों तक तो गंभीर घायलों को थोड़े दिन का ही सत्ता का मज़ा मिला। फिर भाजपा ने 15 की सत्ता में बिलासपुर कांग्रेस कार्यालय में पुलिस घुसाकर उन दिनों को दोहराया था, नतीजा 15 साल के अज्ञातवास से कांग्रेस को राजपाट मिला। कमोबेश भाजपा की नई टीम एक बार फिर हल्ला बोल के बहाने लाठीचार्ज वाली यादों को फिर दोहराने वाली है। प्रदेश भाजपा संगठन के आला औहदेदारों को बाकायदा घेराव और पुलिस से होने वाले टकराव के लिए तैयार रहने की ताकीद भी पार्टी के दिग्गज नेताओं ने किया है।

अधिकारीयों को मिली है इनपुट

लोकल पुलिस और ख़ुफ़िया पुलिस ने आला अफसरों को टकराव और गंभीर स्थिति निर्मित होने का इनपुट दिया है। महकमे ने इसे टालने और गंभीर टकराव से बचने के लिए दिशा-निर्देश भी दिया है। बता दें अगर सख्ती नहीं बरती गई तो भाजपाई सीएम हॉउस के काफी करीब पहुंचने के लिए रणनीति बना चुके हैं। सूत्रों की मानें तो सीएम हॉउस के सभी रास्तों को पूरी तरह सील करने और मजबूत घेरेबंदी करके सीधी भिड़ंत से बचने की फ़िराक में है।

बर्बरता नहीं पर गंभीरता बरतेंगे

पुलिस के मुताबिक बिना अनुमति भाजपा के इस घेराव और प्रदर्शन को नाकाम करने के लिए सभी तैयारियां की जा चुकी हैं। कहना है की बर्बरता नहीं पूरी गंभीरता से प्रदर्शनकारियों को रोका जायेगा। बता दें कि 19 साल पहले निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता ने बल के साथ धरने पर बैठे भाजपा के कई दिग्गज नेताओं को गंभीर रूप से घायल किया था। इसके बाद 4 साल पहले बिलासपुर में कांग्रेस कार्यालय में पुलिस लाठीचार्ज का नज़ारा देखने को मिला था। अब बुधवार 24 अगस्त को ज़िद में अड़ी बीजेपी के नेताओं से पुलिस कैसे डील करेगी यह समय बताएगा।

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