Smart Corruption- वॉल ऑफ करप्शन का अज्ञात ठेकेदार निकला क्रेडाई
Smart Corruption- वॉल ऑफ करप्शन का अज्ञात ठेकेदार निकला क्रेडाई

तेलीबांधा थाना से वीआईपी रोड तिराहा सौंदर्यीकरण के विवादित कार्य में क्रेडाई की पैराशूट लैंडिंग, क्रेडाई ने दी 50 लाख रू. की सहमति, बदनामी से बचने जोन 10 की निविदा निरस्त, जांच कमेटी गठित

विशेष संवादाता, रायपुर

तेलीबांधा थाना से वीआईपी रोड डिवाइडर सौन्दर्यीयकरण ठेका कार्य बीते दो दिनों से वॉल ऑफ़ करप्शन बना हुआ था। बीजेपी ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए इसे भ्रष्टाचार की इंतेहा करार दिया था। सांसद सुनील सोनी ने इस अनूठे भ्रष्टाचार पर निगम, महापौर और शासन को घेर दिया था। सौन्दर्यीकरण का 80 फीसदी कार्य पूर्ण होने के बाद भी ठेकेदार कौन, काम कौन कर रहा इसका जवाब खोजा जा रहा था। ऐसे में आज महापौर एजाज़ ढेबर मौके पर पहुंचे, उंगली का इशारा करते और मुस्कुराते हुए निगम के नेता-ठेकेदार के साथ घोटाला स्थल का जायज़ा लिए। दिशा निर्देश देने के बाद जोन 10 को निविदा आमंत्रण निरस्त करने का आदेश देकर जांच कमेटी की घोषणा किये। फिर किसी चमत्कार की तरह इस विवाद में पैराशूट लैंडिंग हुई और क्रेडाई का सारा किया धरा सामने आ गया।

तेलीबांधा थाना से वीआईपी मार्ग तिराहा सौंदर्यीकरण कार्य के लिये क्रेडाई ने 50 लाख रू. की राशि से कार्य की सहमति दी। अब तक वहां जो कार्य करवाया गया है वह क्रेडाई द्वारा करवाया गया है। महापौर एजाज ढेबर के निर्देष पर डिवाईडर सौंदर्यीकरण के लिये जोन 10 द्वारा आमंत्रित निविदा को निरस्त करने की कार्यवाही का आदेश दिया गया है। निगम का कहना है कि अब तक नगर निगम रायपुर द्वारा कोई कार्य नहीं किया गया है। फिर भी विवाद के बाद इसकी जांच के लिये कमेटी बनायी गयी है।

नगर निगम रायपुर ने दावा किया है कि स्थल क्षेत्र में वहां अब तक कोई कार्य निगम या निगम ठेकेदार ने नहीं किया है। महापौर के निर्देष पर पूरे प्रकरण की जांच के लिये 3 अधिकारियों की कमेटी गठित की गई है। जिसमें मुख्य अभियंता आर.के.चैबे, अधीक्षण अभियंता हेमंत शर्मा, संयुक्त संचालक (वित्त) एस.पी. साहू को कमेटी में सम्मिलित किया गया है। कमेटी से प्राप्त सुझावों का परीक्षण करने के उपरांत आगे कार्यवाही की जायेगी।

दुबई में क्रेडाई के आला, कब बानी सहमति पता नहीं

विवाद का रूप ले चुके इस सौन्दर्यीकरण कार्य की एक बानगी मान भी लें की या काम क्रेडाई का है। ऐसे में सवाल भी उठता है कि स्मार्ट सिटी फंड का 2 करोड़ के लगभग का यह कार्य क्रेडाई को कब मिला ? वैसे ही यह भी यक्ष प्रश्न उठने लगा है कि क्या क्रेडाई की पूरी बॉडी की कोई बैठक हुई जिसमे सर्वसम्मति से इस काम को लिया गया? इस सम्बन्ध में जब क्रेडाई के अध्यक्ष मृणाल गोलछा से संपर्क किया गया तो पता चला वो दुबई में हैं। बताते हैं कि क्रेडाई के कई आला पदाधिकारी भी दुबई प्रवास पर हैं। क्रेडाई के कुछ सदस्य दबी जुबन से ऐसी कोई प्रक्रिया से इंकार करते हैं।

सुलगते सवाल

  1. अगर क्रेडाई कार्य कर रहा था तो कार्य क्षेत्र में कार्य सुचना का बोर्ड क्यों नहीं था?
  2. विवाद और कथित घोटाले के बाद कहीं निगम का एटीएम तो नहीं बन गया क्रेडाई?
  3. कब बैठक हुई, कितने सदस्यों की रायशुमारी लिए और अब तक कहां थे क्रेडाई वाले?
  4. अगर क्रेडाई का यह कार्य है तो निगम ने उसे कार्य प्रस्ताव कब और कैसे जारी किया?
  5. क्या निगम कमिश्नर, महापौर को भी नहीं मालूम था कि यह कार्य क्रेडाई को मिला है?
  6. जब क्रेडाई काम कर रहा था तो जोन 10 निविदा आमंत्रण के लिए हड़बड़ी कर रहा था?
  7. क्या सांसद सुनील सोनी द्वारा किया गया खुलासा,बीजेपी का प्रदर्शन राजनितिक था?
  8. महापौर एजाज़ ढेबर क्यों जांच कमेटी गठित किये, क्यों निविदा निरस्त करने बोले?
  9. निगम की जांच कमेटी को महापौर ने जांच रिपोर्ट पेश करने की मियाद क्यों नहीं दी?

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