जिला शिक्षा अधिकारी गरियाबंद

रायपुर। गरियाबंद जिले के तत्कालीन डीईओ भोपाल ताण्डेय को करोड़ों की खरीदी के मामले में 2 साल बाद निलंबित किया गया है। शिक्षा विभाग द्वारा की गई इस कार्यवाही में छत्तीगसढ़ भण्डार क्रय नियम के विपरीत कार्य का आरोप लगाया गया है। बताया जाता है कि इस मामले में एक पक्ष कोर्ट में चला गया है।

कलेक्टर के मौखिक आदेश पर खरीदी

स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश में उल्लेख किया गया है कि तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी गरियाबंद भोपाल ताण्डेय द्वारा तत्कालीन कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर के मौखिक निर्देशानुसार प्रशासकीय स्वीकृति अथवा सक्षम अधिकारी के अनुमोदन के बगैर ही 14 सितम्बर 2020 को क्रेडिबल कारर्पोरेशन, सत्ती बाजार, रायपुर से 3 करोड़ 27 लाख 22 हजार 347 रूपए का 4287 सेट फायर एस्टिंगयूसर सप्लाई के लिए कार्यादेश जारी किया गया। इसी प्रकार 25 अगस्त 2020 को लक्ष्मी इंजीनियरिंग वर्क इंडस्ट्रीयल एरिया, कोरबा से शैक्षणिक संस्थाओं के लिए एक करोड़ 99 लाख 29 हजार 649 रूपए के 1400 राईटिंग बोर्ड (व्हाइट बोर्ड) की खरीदी का कार्यादेश जारी किया गया। तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी का यह कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम के विपरीत एवं छत्तीसगढ़ भण्डार क्रय नियम के विपरीत गंभीर कदाचार है।

राईटिंग बोर्ड (व्हाइट बोर्ड)

भुगतान रोकने को लेकर मामला न्यायलय में

जानकारी मिली है कि आनन-फानन में की गई इस खरीदी के बाद भुगतान की प्रक्रिया के दौरान तत्कालीन कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर का तबादला हो गया। जिसके बाद नए कलेक्टर ने नियमविरुद्ध खरीदी के चलते दोनों फर्मों का भुगतान रोक दिया। बताया जाता है कि मामला अधर में लटक जाने के चलते करोड़ों का सामान आज भी गरियाबंद और मैनपुर के सरकारी गोदाम में डंप पड़ा है। इस मामले में माल सप्लाई करने वाले फर्म ने न्यायलय की शरण ले ली।

बता दें कि निलंबित किये गए तत्कालीन DEO भोपाल ताण्डेय वर्तमान में उप संचालक के पद पर DPI में पदस्थ हैं, और उन्हें फिलहाल निलंबन अवधि में इसी कार्यालय में अटैच किया गया है। गौरतलब है कि बीते एक सप्ताह के भीतर शिक्षा विभाग मुख्यालय द्वारा अनेक पूर्व DEO और शिक्षकों को पुराने मामलों में कार्यवाही की गई है। जानकारी मिल रही है कि ऐसे ही अनेक मामलों की फाइलें कार्रवाई के इंतजार में मुख्यालय में धूल खा रही हैं। इन मामलों में भी जल्द ही फैसला किये जाने की बात अधिकारी कह रहे हैं।

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