Bhanupratappur by-election - कांग्रेस की जीत कौन रखेगा बरक़रार, सावित्री या बीरेश..?
Bhanupratappur by-election - कांग्रेस की जीत कौन रखेगा बरक़रार, सावित्री या बीरेश..?

विशेष संवादाता, रायपुर

राज्य में लगातार तीन बार की रमन सरकार को करारी शिकस्त देकर 2018 में कांग्रेस की सरकार बनीं। भूपेश सरकार में तब से छत्तीसगढ़ में हर साल उप चुनाव हुए हैं। दंतेवाड़ा, चित्रकोट, मरवाही, खैरागढ़ में सत्ताधारी कांग्रेस के उम्मीदवारों ने एकतरफा जीत दर्ज की है। पिछले चार चुनाव में एकमात्र चित्रकोट सीट ही 2018 के आम चुनाव में कांग्रेस के खाते में थी। इसका मतलब है कि इन चुनावों में कांग्रेस का स्ट्राइक रेट 100% था। इस कार्यकाल में यह विधानसभा का पांचवा उपचुनाव होगा। पार्टी इस स्ट्राइक रेट को बरकरार रखने की कोशिश में है। लेकिन दिवंगत मनोज मंडावी की पत्नी को सहानुभूति वोट के लिए पार्टी की सबसे मजबूत प्रत्याशी बताकर कहीं चूक तो नहीं कर रही? यह सवाल पार्टी के आला नेताओं के ज़ेहन में अब कौंधने लगा है।

आदिवासियों में गोंडवाना गणतंत्र से घनश्याम जुरी प्रत्याशी हैं तो वहीँ आप पार्टी से गायत्री दुग्गा हैं। अब प्रमुख प्रतिस्पर्धी पार्टी भाजपा से लोकप्रिय प्रत्याशी ब्रम्हानंद नेताम को केंडिडेट बनाया गया है। ऐसे में दिवंगत मनोज मंडावी की पत्नी को लोकप्रियता, सहानुभूति और खुद के सरकारी नौकरी में रहते क्षेत्र की जनता से संपर्क का आंकलन करना पड़ेगा। इस तरफ पार्टी के वरिष्ठ और भानुप्रतापपुर की जनमानस में सावित्री या बीरेश में राजनितिक समझ, लोकप्रियता, वरिष्ठता, क्षेत्र की जनता से जुड़ाव में बीरेश का पलड़ा भरी है।

भानुप्रतापपुर में एकमात्र महिला प्रत्याशी गंगा पोटाई ही तत्कालीन मध्यप्रदेश के वक्त जीती हैं। राज्य निर्माण से लेकर अब तक महिला प्रत्याशी विधायक नहीं बनी है। छत्तीसगढ़ बनने के बाद कांग्रेस से यह पहला मौका होगा जब संभावित महिला प्रत्याशी उतरेगी। जनजातीय क्षेत्र में आमतौर पर पुरुष प्रत्याशियों की भरमार है।

ऐसे में कांग्रेस से लोकसभा प्रत्याशी रह चुके बीरेश ठाकुर का परफॉर्मेंस देखते हुए और बीजेपी समेत अन्य पुरुष केंडीडेट्स की तुलना में चुनौती देने का माद्दा है। कांग्रेस भानुप्रतापपुर उपचुनाव के लिए आज देर शाम तक प्रत्याशी के नाम का एलान करेगी। अब देखना होगा कि वो नाम बीरेश ठाकुर का होगा या सावित्री मंडावी का।