EOW

रायगढ़। सक्ती जिले के अड़भार नगर पंचायत के तत्कालीन सीएमओ राजेश चंद्र त्रिवेदी और एकाउंटेंट गोपाल सिंह ठाकुर को EOW ने गिरफ्तार किया है। 2 करोड़ 34 लाख के घोटाले के चलते यह कार्रवाई हुई है, जिसमे पेंशन प्रकरण, नाली निर्माण समेत 16 बिन्दुओ पर जांच हुई थी। आरोपी सीएमओ वर्तमान में रायगढ़ के किरोड़ीमल नगर पंचायत में सीएमओ के पद पर पदस्थ हैं। यह कार्रवाई बिलासपुर की आर्थिक अपराध अन्वेषण इकाई (EOW) की टीम ने की है।

नपं उपाध्यक्ष ने की थी शिकायत

इस मामले की शिकायत नगर पंचायत अड़भार के तत्कालीन उपध्यक्ष राधेश्याम शुक्ला ने की थी। राधेश्याम ने TRP न्यूज़ को बताया कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान तत्कालीन CEO राजेश चंद्र त्रिवेदी की मिलीभगत से किये जा रहे भ्रष्टाचार की अपने स्तर जांच की तो पाया कि 7 करोड़ 20 लाख रुपए का घोटाला हुआ है। जिसके बाद उन्होंने इस मामले की शिकायत ACB से की, तब कहा गया कि फिलहाल पेंशन संबंधी शिकायत की जांच की जाएगी, शेष की जांच बाद में की जाएगी।

राधेश्याम शुक्ला

पेंशन की जांच में कुल 50 लाख का घोटाला उजागर हुआ जिसमें तत्कालीन जनपद सीईओ राजेश त्रिवेदी, नगर पंचायत अध्यक्ष कार्तिक राम और अकाउंटेंट गोपाल सिंह ठाकुर को दोषी पाया गया। आज इस मामले में कार्रवाई करते हुए राजेश त्रिवेदी और गोपाल ठाकुर को गिरफ्तार किया गया जबकि कार्तिक राम अभी फरार है।

विभागीय जांच में 5 को पाया गया था दोषी

नगर पंचायत अड़भार में निर्धारित मद से अन्य मद में राशि व्यय किए जाने के मामले में पांच सदस्यीय जांच टीम ने नपं के तत्कालीन CMO राजेश चंद्र त्रिवेदी, प्रभारी CMO मोतीचंद जैन, तत्कालीन उप अभियंता, लेखापाल सहित नपं अध्यक्ष को दोषी पाया था। जांच टीम ने 29 सितम्बर 2014 को अपना प्रतिवेदन कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत किया था।

कई दस्तावेज कर दिए गए गायब

जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया कि नपं में अनुदान पंजी वर्ष 2013-14 का कैशबुक, चेकपंजी, बैंक स्टेटमेंट, संबंधी नस्ती, व्हाउचर उपलब्ध नहीं होने के कारण जांच नहीं किया जा सका है। तत्कालीन कलेक्टर ओपी चौधरी ने 19 अक्टूबर 2014 को नगरीय प्रशासन विभाग के संचालक को अंतिम रिपोर्ट भेजी, जिसमें बताया गया कि संबंधितों ने निर्धारित मद से अन्य मद में राशि व्यय की है। इसके लिए तत्कालीन सीएमओ त्रिवेदी, प्रभारी सीएमओ जैन, उपअभियंता, लेखापाल सहित नपं अध्यक्ष समान रूप से दोषी हैं।

बहरहाल इस मामले में दो अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है, वहीं पूर्व नपं अध्यक्ष फरार बताये जा रहे हैं। मामले में किसी और को भी आरोपी बनाया गया है या नहीं इसकी जानकारी फ़िलहाल सामने नहीं आ सकी है।

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