नई दिल्ली।  बेहतर शिक्षा और अच्छी नौकरी कर अपनी करियर बनाने के सपनों को साकार करने के लिए भारतीय छात्र-छात्राएं विदेश जाना चाहते हैं। जिसके लिए कनाडा, आस्ट्रेलिया के लिए वीजा अप्लाई की लाइन में लगा है। लेकिन इस बीच एक बड़ी खबर सामने आई है जोकि छात्रों के लिए बुरी खबर है। दरअसल, भारतीय छात्रों को इस साल अपना स्टूडेंट वीजा हासिल करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। मिली जानकारी के मुताबिक, हाल ही में ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, भारत, पाकिस्तान और नेपाल से अप्लाई करने वाले लगभग 50 फीसदी छात्रों का स्टूडेंट वीजा रिजेक्ट हुआ है।

वहीं 2022 को लेकर ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों ने सुझाव दिया कि इंटरनेशनल वीजा के लिए अप्लाई करने वाले स्टूडेंट्स की संख्या में भारी कमी देखी गई है। कुल मिलाकर 900 स्टूडेंट्स में से सिर्फ 34 को ही स्टूडेंट वीजा मिला है। मीडिया रिपोर्ट्स में भारतीय स्टूडेंट्स के लिए वीजा हासिल करने का सक्सेस रेट घटकर 56 फीसदी पर आ गई है। पाकिस्तानी स्टूडेंट्स के लिए ये 57 फीसदी है, जबकि नेपाली स्टूडेंट्स के लिए ये संख्या 33 फीसदी पर है।

ऑस्ट्रेलिया के गृह मंत्री क्लेयर ओ’नील ने कॉमनवेल्थ देशों के लिए इमिग्रेशन सिस्टम पर फिर से काम करने की बात कही है. हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स में इस बात का सुझाव दिया गया है कि स्टूडेंट वीजा रिजेक्ट होने की कई वजहें हैं। इसमें फर्जी एजेंट्स और थर्ड-पार्टी एजेंसियां शामिल हैं।

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