शिक्षक निलंबित

जशपुर। इस जिले में मदिरापान कर स्कूल आने वाले शिक्षकों की प्रवृत्ति में सुधार नहीं आ रहा है। इसी तरह के एक मामले में एक शिक्षक का शराब पीते हुए फोटो वायरल हुआ। गभीर बात ये थी कि मदिरापान के दौरान एक बच्चा बैठा हुआ था, जिसने स्कूल ड्रेस पहना हुआ था। वहीं जब तस्वीर खींची जा रही था, तब शिक्षक मोबाइल से अपना चेहरा छिपा रहा था।

यह मामला शासकीय आदर्श प्राथमिक शाला सुकबासुपारा (रोकबहार) विकासखण्ड पत्थलगांव का है, जहां के सहायक शिक्षक (एल.बी.) गौरीशंकर भगत को स्कूल में बैठकर शराब पीना बताया गया है। इसकी खबर सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद DEO मधुलिका तिवारी ने प्रारंभिक जांच में ही खबर को सही मानते हुए शिक्षक को निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया।

बिना पुष्टि के कार्रवाई का आरोप

शिक्षक को निलंबित किए जाने का आदेश सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद जिले का शिक्षक संघ निलंबित शिक्षक के समर्थन में आ गया है। शिक्षकों के व्हाट्सएप ग्रुप में लिखा जा रहा है कि शिक्षक को निलंबित करने से पहले न तो सोशल मीडिया में वायरल फोटो की विभाग द्वारा पुष्टि कराई गई न जांच। बगैर जांच या तस्वीर की पुष्टि किए ही शिक्षक को निलंबित कर दिया गया। सहायक शिक्षकों ने अपने ग्रुप में लिखा है कि जिस तस्वीर को लेकर शिक्षक को निलंबित किया गया है वो तस्वीर कब की है और यह तस्वीर किसने ली तथा इसके पीछे किसी का क्या पूर्वाग्रह हो सकता था, इसकी जांच होनी थी, लेकिन बगैर जांच किए गए यह कैसे प्रमाणित हो गया कि शिक्षक शराब पी रहा है और जहां शराब पी रहा है वो शिक्षा का मंदिर याने स्कूल है ?

ढाबे में खाना खा रहा था..!

उधर निलंबित शिक्षक गौरी शंकर भगत का कहना है कि यह तस्वीर 3 माह पहले की है, और वह गांझियाडीह के एक ढाबे का है। दोपहर के समय बारिश हो रही थी और मैं वहां खाना खा रहा था, शराब नहीं पी रहा था। तस्वीर में जिसे स्कूली छात्र बताया गया है, वह मेरा भतीजा है, जो मेरे साथ हर दिन स्कूल आना-जाना करता है। मुझे बेवजह फंसाया गया है। सकारात्मक तस्वीर की नकारात्मक प्रस्तुति की गई है।

इस मामले में पत्थलगांव ब्लॉक फेडरेशन के अध्यक्ष यशवंत यादव का कहना है कि जांच के बाद कार्रवाई हो तो संघ को कोई आपत्ति नहीं होगी, लेकिन इस मामले में आपत्ति इस बात पर है कि ढाबे की तस्वीर को स्कूल का बताया गया और बेबुनियाद तथ्यों के आधार पर कार्रवाई कर दी गई। विभाग पहले जांच कर ले फिर कार्रवाई करे।

बहरहाल शिक्षक की जो तस्वीर दिखाई गई है, वो भले ही किसी ढाबे का हो सकता है, मगर जो पेय पदार्थ शिक्षक पी रहा है उसका रंग कुछ संदेह पैदा कर रहा है। अगर पेय पदार्थ शराब ही है तो उसे सार्वजानिक स्थल पर भी इस तरह पीना कतई उचित नहीं है, वह भी एक बच्चे के सामने। अब जब पेंच फंस ही गया है तब इस मामले की गंभीरता से जांच की जानी चाहिए कि उक्त जगह स्कूल परिसर है या ढाबा। इस तस्वीर में नजर आ रहे दूसरे शख्स का बयान भी महत्वपूर्ण साबित होगा।

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