कथक

रायपुर। कलिंगा विश्वविद्यालय द्वारा जन शिक्षण संस्थान रायपुर के सहयोग से कथक, नृत्य पाठ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम कलिंगा विश्वविद्यालय में इंडिया इंटरनेशनल रूरल कल्चर सेंटर, नई दिल्ली द्वारा जेएसएस, रायपुर के सहयोग से आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवा और युवा पीढ़ी को भारत की सांस्कृतिक विविधता और इसके रीति-रिवाजों से परिचित कराना है।

कलिंगा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आर. श्रीधर, रजिस्ट्रार डॉ. संदीप गांधी, डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. आशा अंभईकर, डीन ऑफ कॉमर्स एंड मैनेजमेंट डॉ. अभिषेक त्रिपाठी ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ायी।
जेएसएस के अध्यक्ष और छत्तीसगढ़ के चुनाव आयुक्त ठाकुर राम सिंह कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे, अतुल सिंह, निदेशक जेएसएस और कलिंगा विश्वविद्यालय से जेएसएस के लिए समन्वयक सुश्री जैस्मीन जोशी भी उपस्थित थे।


कार्यक्रम की नृत्यांगना सुश्री सुलगना मुखर्जी थीं, जो 25 साल की अनुभवी कथक नृत्य पेशेवर हैं, जिन्होंने प्रभावशाली नृत्य शैली से युवा दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम की शुरुआत भगवान गणेश की स्तुति, गणेश वंदना के साथ हुई, इसके बाद विलम्बित और ध्रुत लय और ठुमरी-खंडिता नायिका और अंतिम सावल जबाब तबला और घुंघरू का समन्वय अद्भुत था। सुलगना मुखर्जी के साथ तबले पर आनंद गुप्ता व हारमोनियम पर दीनानाथ मिश्र ने संगत की।
सुश्री सुलगना मुखर्जी ने युवा पीढ़ी से शास्त्रीय और पारंपरिक संगीत और नृत्य सीखने की अपील की क्योंकि इससे युवा पीढ़ी को बेहतर एकाग्रता, धैर्य और आत्मविश्वास विकसित करने में मदद मिलेगी।
कार्यक्रम का समापन कलिंगा विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. संदीप गांधी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

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