रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरक्षण बिल में हस्ताक्षर में हो रही देरी पर एक बार फिर तंज कसा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्यपाल की भूमिका पर सवाल खड़े किये हैं। संविधान निर्माता भीमराव आंबेडकर जयंती समारोह में शामिल होने पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मीडिया के सवाल के जवाब में कहा कि राजभवन की भूमिका की समीक्षा होनी चाहिए? राज्यपाल विधेयक को कितने दिन रोक सकते है? जनता से जुड़े मुद्दों को क्यों रोका जा रहा है ?

उन्होंने आगे कहा कि युवाओं को नौकरी, भर्तियों में परेशानी हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान में विधेयक को अनिश्चितकाल तक रोकने का अधिकार है, उसकी समीक्षा किये जाने की जरुरत है, राज्यपाल सार्वजनिक हित के फैसले नहीं ले पा रहे हैं, 4 महीना हो गया, आरक्षण विधेयक राजभवन में रुका हुआ है, हमारे बच्चों की परीक्षाएं हैं और विधेयक अभी तक अटका है।

आरक्षण विधेयक पर राजयपाल हस्ताक्षर नहीं कर रहे। आरक्षण पर मैंने अपना काम कर दिया है। बगल में राजभवन है उनसे कहिए कि विधेयक पर हस्ताक्षर करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएम ने कहा आज संविधान खतरे में है। संविधान के साथ छेड़छाड़ किया जा रहा है। संविधान बचेगा तो हम सब बचेंगे। संविधान नहीं बचा तो हम सब खतरे में पड़ जाएंगे।अंबेडकर जी ने समाज में बदलाव लाने का प्रयास किया।

इधर राज्यपाल की भूमिका की समीक्षा को लेकर मुख्यमंत्री के बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा है कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है भविष्य में ऐसी कोई चर्चा होगी कोई निर्णय होगा तो अलग बात है।

Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे
फेसबुक, ट्विटरयूट्यूब, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, टेलीग्रामकू
 पर