मुंबई। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने नियमों की अनदेखी करने पर बैंकों पर अलग-अलग कार्रवाई करता रहा है। हाल ही में बैंक ने देश के पब्लिक सेक्टर के बड़े बैंक केनरा बैंक पर बड़ी कार्रवाई की है और उस पर करोड़ों का जुर्माना लगाया है। बैंक पर आरबीआई ने 2.92 करोड़ रुपये की पेनाल्टी लगाई गई है। रिजर्व बैंक ने बताया कि ब्याज दरों को रेपो रेट जैसे एक्सटर्नल बेंचमार्क से लिंक करने और अयोग्य लोगों के सेविंग खाता खोलने के कारण बैंक पर यह कार्रवाई की गई है।

एक अन्य बैंक की ओर से बड़ी धोखाधड़ी की शिकायत मिलने पर केंद्रीय बैंक ने जुलाई, 2020 में जांच की थी। जांच के बाद पाया गया कि बैंक ‘फ्लोटिंग रेट’ आधारित खुदरा ऋण और एमएसएमई को दिए गए ऋण पर ब्याज को बाह्य मानक से नहीं जोड़ पाया। साथ ही वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान मंजूर और नवीनीकृत ‘फ्लोटिंग रेट’ आधारित रुपए के कर्ज पर ब्याज को अपनी कोष की सीमांत लागत  से भी नहीं जोड़ सका।


आरबीआई ने कहा कि बैंक ने अपात्र इकाइयों के नाम पर कई बचत जमा खाते खोल दिए, कई क्रेडिट कार्ड खातों में फर्जी मोबाइल नंबर डाले गए और दैनिक जमा योजना के अंतर्गत जमा और खाता खोलने के 24 महीनों के अंदर समय से पहले रुपए निकालने पर पर ब्याज नहीं दिया गया। रिजर्व बैंक ने कहा कि बैंक ने ग्राहकों से एसएमएस सेवा का शुल्क ले लिया, जो उसके वास्तविक उपयोग के आधार पर नहीं था। बैंक लेन-देन के आधार पर ग्राहकों की जांच पड़ताल करने में भी विफल रहा। आरबीआई ने कहा, “इसके बाद बैंक को नोटिस भेजते हुए उसे कारण बताने के लिए कहा गया कि उस पर जुर्माना क्यों नहीं लगाना चाहिए।” इसके बाद बैंक के लिखित एवं मौखिक जवाब पर विचार करने के बाद आरबीआई ने यह कार्रवाई की है।