कलिंगा विश्वविद्यालय और छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण बोर्ड, छत्तीसगढ़, द्वारा पर्यावरण के लिए जीवन शैली और युवा संसद के लिए एक वाद विवाद प्रतियोगिता / समूह चर्चा का आयोजन किया गया। छत्तीसगढ़ के विभिन्न विश्वविद्यालयों/ संस्थानों के प्रतिभागियों ने इसमें प्रतिभाग लिया और सतत विकास के लिए व्यक्तिगत स्तर पर जीवन शैली में बदलाव के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार साझा किये ।

कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की वंदना और दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। डॉ. अनिता सावंत, सीईसीबी की वरिष्ठ वैज्ञानिक और कार्यक्रम की मुख्य अतिथि ने प्रतिभागियों और दर्शकों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें अपनी जीवन शैली को बदलने और आज कम अपशिष्ट पैदा करने की आवश्यकता है ताकि भविष्य की पीढियां हमारी निंदा न करें । हमें अधिक पर्यावरण के अनुकूल होने के लिए अपनी जीवन शैली को बदलने की सख्त जरूरत है ।


उद्घाटन सत्र के दौरान कलिंगा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आर श्रीधर ने सभी से प्रकृति को बचाने का आग्रह किया । श्री अनंत कुमार सांवत जन सम्पर्क अधिकारी (सीईसीबी) ने इस बात पर जोर दिया कि छोटे छोटे कदम उठाकर बङा बदलाव लाया जा सकता है ।

उन्होंने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि आप लोग ही बदलाव के वाहक बन सकते हैं युवाओं के लिए कुछ भी असम्भव नहीं है। उन्होंने सभी को जहां तक संभव हो सके प्लास्टिक पालीथीन के उपयोग करने से बचने और कचड़े को जलाने से रोकने के लिए प्रोत्साहित किया एवं अपशिष्ट निपटान के लिए नयी प्रोद्योगिकियों को विकसित करने के लिए युवा पीढ़ी को प्रोत्साहित किया ।


सभी विद्यार्थियों और श्रोताओं ने प्रकृति के संरक्षण और पृथ्वी माता को स्वस्थ रखने के लिए एक स्थायी दृष्टिकोण के लिए अपनी आदतों को बदलने का संकल्प लिया । कलिंगा विश्वविद्यालय, अमेटी विश्वविद्यालय, आई आई आई टी नया रायपुर, पं रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, भिलाई इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी दुर्ग और महेन्द्र कर्मा विश्वविद्यालय के छात्रों ने वाद विवाद और सामुहिक संवाद में हिस्सा लिया।

इस आयोजन से चुने गए दस सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी आई आई टी धनबाद (पूर्वी क्षेत्र) में होने वाली प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करेंगे और साथ ही अपने ज्ञान को अद्यतन करेंगे । विद्यार्थियों ने भोजन, खरीददारी, ऊर्जा, परिवहन, जल, अपशिस्ट और प्रकृति जैसे विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए।

कार्यक्रम के अंत में प्राणी विज्ञान के प्रमुख डॉ. मनोज सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए सभी प्रतिभागियों कलिंगा विश्वविद्यालय के प्रबंधन, और सीईसीबी को धन्यवाद दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जूलॉजी विभाग के डॉ. अजय कुमार हरित और डॉ. सोहिनी भट्टाचार्य द्वारा की गयी । वाद-विवाद प्रतियोगिता का संचालन सुश्री अभिस्मिता राय और डॉ. अभिजीता नंदा द्वारा की गयी ।


कार्यक्रम में श्रीमती जैस्मीन जोशी (छात्र कल्याण अधिष्ठाता), डॉ. सुष्मा दुबे (ऑफिशिएट डीन ऑफ लाइफ साइंस), डॉ. अभिषेक कुमार पांडे, डॉ फैज़ बक्स, डॉ. परोमिता बनर्जी, सुश्री उर्वशी शर्मा, सुश्री चैत्रमायी प्रधान और श्रीमती प्रिया पाल उपस्थित थीं । छत्तीसगढ़ के विभिन्न संस्थाओं से साठ से ज्यादा प्रतिभागियों ने इस प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया।