नई दिल्ली। सामाजिक-धार्मिक संगठन जमात-ए-इस्लामी हिंद ने लोकसभा चुनावों के परिणामों को घृणा और विभाजनकारी राजनीति के खिलाफ बताया है। जमात ने घृणा और विभाजन की राजनीति करने वाले राजनैतिक दलों को आत्मनिरीक्षण करने की सलाह दी है। इसके अलावा जमात ने तेलुगु देशम पार्टी (TDP) और जेडीयू (JDU) से अपील की है कि दोनों ही पार्टियां एनडीए सरकार में रहते हुए भाजपा के विभाजनकारी एजेंडे का विरोध करें। साथ ही देश की किसी भी वर्ग के साथ अन्याय के खिलाफ सरकार में आवाज उठाएं।

नई सरकार के शपथ ग्रहण से पहले जमात-ए-इस्लामी हिंद के प्रमुख सैयद सदातुल्लाह हुसैनी ने दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि – नई सरकार अकेले भाजपा की नहीं, बल्कि एनडीए की है। टीडीपी और जेडीयू ने अपने घोषणापत्र में समावेशी नीतियों, सभी के लिए न्याय और विभाजनकारी एजेंडे का विरोध करने की बात कही है। अपने घोषणापत्र के अनुसार उन्हें भाजपा के विभाजनकारी एजेंडे का विरोध करना चाहिए।

जमात के प्रमुख हुसैनी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के चुनाव परिणाम भाजपा के खिलाफ गए। भाजपा की हार सांप्रदायिक नफरत भरे भाषणों, बुलडोजर की राजनीति और विभाजनकारी राजनीति के खिलाफ संदेश है। फैजाबाद (जिसका अयोध्या भी एक हिस्सा है) के नतीजों से पता चलता है कि लोगों ने भाजपा की मंदिर-मस्जिद की राजनीति को खारिज कर दिया है।

हुसैनी ने आगे कहा कि महाराष्ट्र में लोगों ने जोड़-तोड़ की सियासत, विपक्षी दलों को तोड़ने और ईडी के दुरुपयोग के खिलाफ कड़ा संदेश दिया है। सत्तारूढ़ पार्टी को एक बार और सरकार बनाने मौका कड़ी चेतावनी के साथ मिला है। प्रधानमंत्री, उनकी कैबिनेट और सत्ताधारी पार्टी को यह समझना चाहिए और आत्मनिरीक्षण करना चाहिए। जमात-ए-इस्लामी हिंद के उपाध्यक्ष मोहम्मद सलीम इंजीनियर ने कहा कि नई लोकसभा में मुसलमानों का प्रतिनिधित्व केवल 4.4% है, जिसे बेहतर किया जाना चाहिए।

चंद्रबाबू नायडू के बेटे ने कहा कि टीडीपी हमेशा धर्मनिरपेक्ष रहेगी

एक दिन पहले ही टीडीपी नेता और एन. चंद्रबाबू नायडू के बेटे एन. लोकेश नायडू ने परिसीमन और समान नागरिक संहिता जैसे विवादास्पद मुद्दों पर निर्णय एकतरफा न लेने जाने की बात कही थी। उन्होंने आश्वासन दिया है कि किसी भी समुदाय का आरक्षण नहीं छीना जाएगा। लोकेश ने अपने राज्य में चार प्रतिशत मुस्लिम आरक्षण के बारे में बोलते हुए कहा कि समुदाय को चिंता करने की कोई बात नहीं है। टीडीपी हमेशा से धर्मनिरपेक्ष पार्टी रही है और रहेगी। हम किसी का कोटा नहीं छीनेंगे। किसी को इस बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है। भाजपा का यह रुख है कि वह धर्म आधारित कोटा तभी हटाएगी जब वह अपने दम पर सत्ता में आएगी, न कि तब जब गठबंधन सरकार में होगी। मैं यह आश्वासन देना चाहता हूं कि टीडीपी किसी भी समुदाय का कोटा नहीं हटाएगी।

अग्निवीर और यूसीसी पर व्यापक चर्चा चाहती है जेडीयू

नीतीश कुमार की जेडीयू 12 सांसदों के साथ एनडीए की तीसरी सबसे बड़ी घटक दल है। खबरों के मुताबिक, जदयू अग्निवीर योजना पर पुनर्विचार, देशव्यापी जाति जनगणना, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा और समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर व्यापक चर्चा चाहती है। हालांकि, जदयू नेता केसी त्यागी ने स्पष्ट किया है कि कोई पूर्व शर्त नहीं है, पार्टी ने बिना शर्त समर्थन दिया है।