0 दो माह पहले सौरभ चंद्राकर की गिरफ्तारी के पीछे क्या है सच..?
रायपुर। प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के दुबई में आयोजित भगवान शिव की कथा के जारी हुए वीडियो ने एक बार फिर महादेव सट्टा के मामले को प्रकाश में ला दिया है। दरअसल दो माह पहले महादेव सट्टा के एक आरोपी सौरभ चंद्राकर की दुबई में गिरफ्तारी की खबरें आई थीं, और यह कहा जा रहा था कि जल्द ही उसे भारत लाया जायेगा, मगर इस तरह की कोई भी कार्यवाही नहीं हुई। अब यह सवाल उठ रहा है कि ACB और ED के बाद CBI जैसी एजेंसी भी खुलेआम दुबई में रह रहे इन अपराधियों को भारत लाने में सफल क्यों नहीं हो पा रही हैं।

ठसन के साथ चला रहे हैं धंधा
दुबई से आये वीडियो से इस बार यह तय हो गया है कि सौरभ और रवि दोनों ही ठसके से दुबई में रहकर अपना अवैध धंधा चला रहे हैं। बताते चलें कि महादेव सट्टे जैसे ऑनलाइन गेमिंग एप्प भारत में अवैध की श्रेणी में आते हैं, विदेशों में इस तरह के एप्प पर कोई प्रतिबन्ध नहीं है, तभी सौरभ और रवि जैसे लोग विदेश में बैठकर मजे से सट्टे का धंधा कर रहे हैं।

गिरफ्तारी के दावे पर सवाल
महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी एप से जुड़े 6000 करोड़ रुपये के घोटाले के मुख्य आरोपी सौरभ चंद्राकर को दुबई में गिरफ्तार करने की खबर दो महीने पहले सामने आई थी। यह कार्रवाई इंटरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर हुई, जिसे प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अनुरोध पर जारी करना बताया गया था। सौरभ चंद्राकर की गिरफ्तारी के बाद अब जो वीडियो सामने आया है वो जांच एजेंसियों के दावों पर सवाल खड़े कर रहा है। वायरल वीडियो में सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल बाकायदा कथावाचक का स्वागत कर रहे हैं और दुबई के ली- मेरीडियन में भगवान शिव की कथा सुनते नजर आ रहे हैं। इसके वायरल वीडियो में कथावाचक मिश्रा सौरभ चंद्राकर को ‘यजमान’ कहते भी नजर आ रहे हैं।

बदलती गई जांच एजेंसियां
महादेव सट्टा ऐप का खुलासा होने के बाद से प्रदेश भर की पुलिस ने गिरफ्तारियां शुरू की, मगर मुख्य आरोपी पहले ही विदेश गमन कर चुके थे। पुलिस सौरभ, रवि के अलावा शुभम सोनी की तलाश कर रही है। पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर पाई। फिर ED ने मामले की जांच शुरू की। कुछ गिरफ्तारियां हुई। इसके बाद मामला ACB को दिया गया। एसीबी ने भी कुछ आरोपियों की गिरफ्तारी की। बाद में यह मामला CBI को दे दिया गया है। लेकिन घोषित तौर पर दुबई में होने के बावजूद सौरभ और उसके साथियों की गिरफ्तारी अब तक नहीं की गई है।
क्या हो रही है प्रत्यर्पण की कार्रवाई..?
अमूमन विदेश भाग जाने वाले आरोपियों को भारत में लाने के लिए प्रत्यर्पण की कार्रवाई करनी पड़ती है। इसके लिए खास तौर पर MHA
द्वारा सारी औपचारिकताएं पूरी की जाती हैं, मगर महादेव एप के मामले में अब तक इस बात का खुलासा नहीं हो सका है कि MHA, CBI या अन्य एजेंसियां इन आरोपियों के प्रत्यर्पण की कार्रवाई कर रही हैं या नहीं। हालांकि कहा जा रहा है कि यह एजेंसियां मिलकर आरोपियों के प्रत्यर्पण के कानूनी और कूटनीतिक पहलुओं को अंतिम रूप देने में जुटी हैं जिसके उपरांत तत्काल इन्हे गिरफ्तार कर भारत लाया जाएगा।
महादेव एप के मामले पर गौर करे तो जिस तरह आरोपी खुलकर सार्वजनिक तौर पर सामने आ रहे हैं उससे ऐसा कहीं भी नजर नहीं आता कि उन्हें गिरफ्तारी का डर है। अगर ऐसा होता तो वे फिर से भूमिगत हो जाते। पूर्व में विवाह कार्क्रम के भव्य आयोजन करके हिट हो जाने के बाद केंद्र स्तर पर भी महादेव एप को टारगेट में लिया गया। अब तो CBI ही इस मामले की जांच और कार्रवाई में जुटी हुई है, बावजूद इसके आरोपियों पर कोई हाथ नहीं डालना समझ से परे है।

बर्बाद हो रहे हैं लाखों लोग
महादेव सट्टे के मामले में यदा-कदा कुछ आरोपी पकड़ में आ जाते हैं, मगर इसे समूल नष्ट कर पाना संभव नहीं हो पा रहा है। दरअसल बड़े पैमाने पर लोग भी महादेव सट्टे जैसे गेमिंग एप में रोज पैसा लगाते हैं। जुए की तरह इस खेल में भी बड़ी संख्या में लोग बर्बाद भी हो रहे हैं। कमा रहे हैं तो सिर्फ सट्टा एप चलाने वाले। केवल महादेव ही नहीं, दर्जनों अन्य एप भी ऐसे ही चल रहे हैं, वो भी खुले आम ऑनलाइन। आये दिन महादेव एप से जुडी छोटी मछलियां पकड़ में आती हैं, या फिर ऐसे लोग गिरफ्तार हो रहे हैं, जिन्हे अंधेरे में रखकर उनके खातों का इस्तेमाल सट्टे की रकम के लेन-देन के लिए हो रहा है। मगर सवाल अब भी है कि एजेंसियां इस संगठित अपराध के कर्ता-धर्ताओं को पकड़ क्यों नहीं पा रही हैं।
इस मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकार पर निशाना साधते हुए सोशल मीडिया X पर ट्वीट किया है कि ‘डबल इंजन का हाथ – महादेव ऐप के साथ।’ चलते-चलते जरा इस पर नजर डालिये :
गिरफ़्तारी के बाद प्रवचन सुनने की छूट???
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) December 12, 2024
केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार मिलकर महादेव ऐप को लेकर अफ़वाह फैला रहे हैं।
डबल इंजन की सरकारों को जनता को बताना चाहिए कि सौरभ चंद्राकर गिरफ़्तार नहीं हुआ है।
झूठ बोलने के लिए उन्हें माफ़ी मांगनी चाहिए।
दरअसल केंद्र और राज्य की भाजपा… pic.twitter.com/VCvVV2fY4L