रायपुर। राजधानी के मोवा ओवरब्रिज पर हुए घटिया कार्य को लेकर मचे बवाल के बाद डिप्टी सीएम अरूण साव ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने मरम्मत कार्य में लापरवाही एवं गुणवत्ताविहीन सामग्रियों को खुद देखा और मौके पर संबंधित ठेकेदार और इंजीनियर्स को सख्त चेतावनी दी।
भुगतान किया तो अफसरों की सैलरी से पैसे कटेंगे
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने ठेकेदार और ईई से कहा कि यह अनियमिता कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ठेकेदार को एक रुपए का भी भुगतान नहीं होगा, जब तक गुणवत्ता पूर्ण कार्य नहीं हो जाता। भुगतान करने पर अधिकारियों की सैलरी से पैसे कटेंगे।
साव ने सचिव कवलप्रीत सिंह को मौके पर निर्देशित किया कि, मुख्य अभियंता स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में ओवरब्रिज मरम्मत कार्य की जांच कर तीन दिन में रिपोर्ट पेश करें। साव ने सख्त लहजे में कहा कि, गुणवत्ताविहीन कार्य के लिए जिम्मेदार अधिकारी नहीं बख्शे जाएंगेे। जांच के बाद कड़ी कार्रवाई होगी। बता दें कि, औचक निरीक्षण के दौरान लोक निर्माण विभाग के सभी वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
विभाग ने तत्काल जारी किया जांच आदेश
मंत्री साव के सख्त निर्देश के बाद लोक निर्माण विभाग ने चंद घंटे बाद ही जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। आदेश में उल्लेख है कि मंत्री को निरीक्षण के दौरान कार्य स्थल पर खराबी पाई गई। उक्त ब्रिज पर 7 जनवरी 25 की रात 3-4 बजे बिछाए गए बिटूमिनस कांक्रीट की 40 एम.एम. की परत से डामरीकरण किया जा रहा था, जो मिक्सिंग के समय डामर के मानक से अधिक गर्म होने पर गिट्टी आपस में नहीं चिपकने के कारण यातायात के दौरान गिट्टी का आपस में अलग होकर बिखरना पाया गया, जो घोर लापरवाही है। उक्त डामरीकरण कार्य में खराबी क्यों आयी? उक्त डामरीकरण कार्य में कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार है? इसकी जांच मुख्य अभियंता स्तर के अधिकारियों से करा कर, जांच रिपोर्ट तीन दिन में अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करें। माना जा रहा है कि जल्द ही इस मामले में विभाग कठोर कार्रवाई करेगा और ठेकेदार के साथ ही अफसर भी निपटेंगे।