पेइचिंग। China occupy Taiwan चीन की सेना ताइवान परबड़े हमले की तैयारी में है। इस तनाव को दुनिया तीसरे विश्वयुद्ध ( World War 3 ) की शुरुआत मान रही है। खबर है कि ताइवान से लगती सीमा पर चीन ने DF-17 हाइपरसोनिक मिसाइल ( DF-17 Hypersonic Missile ) और S-400 एयर डिफेंस सिस्टम ( S-400 air defence system ) को तैनात किया है।

China ने इस इलाके में तेजी से अपने सैनिकों की तादात को भी काफी बढ़ाया है। कई सैन्य पर्यवेक्षकों ने चिंता जताई है कि इस क्षेत्र में अपने ताकतवर हथियारों की तैनाती कर चीन सीधे तौर पर ताइवान को धमकी दे रहा है।

चीन ने DF-17 मिसाइल को किया तैनात

China ने पहले से ही इस क्षेत्र में DF-11 और DF-15 मिसाइलों को तैनात किया हुआ है। माना जा रहा है कि अब इन पुरानी पड़ चुकी मिसाइलों की जगह अपने हाइपरसोनिक मिसाइल DF-17 को तैनात करेगा। यह मिसाइल लंबी दूरी तक सटीक निशाना लगाने में माहिर है। ऐसे में अगर चीन हमला करता है तो ताइवान को अपनी सुरक्षा के लिए तगड़े इंतजाम करने पड़ेंगे।

2500 किमी तक मार कर सकती है DF-17 मिसाइल

चीन की DF-17 Missile, 2500 किलोमीटर दूर तक हाइपरसोनिक स्पीड ( Hypersonic speed ) से अपने लक्ष्य को भेद सकती है। इस मिसाइल को पहली बार पिछले साल चीन की स्थापना के 70वें वर्षगांठ के अवसर पर प्रदर्शित किया गया था।

यह मिसाइल 15000 किलोग्राम वजनी और 11 मीटर लंबी है, जो पारंपरिक विस्फोटकों के अलावा न्यूक्लियर वॉरहेड को भी लेकर जा सकती है। सरल भाषा में कहें तो यह मिसाइल परमाणु हमला करने में भी सक्षम है।

रॉकेट फोर्स और नेवी के कमांडो की तैनाती बढ़ी

कांवा डिफेंस रिव्यू के एडिटर-इन-चीफ आंद्रेई चांग के मुताबिक, सैटेलाइट इमेज से पता चला है कि हाल के वर्षों में फ़ुज़ियान और गुआंगडोंग प्रांतों में चीन ने मरीन कॉर्प्स और रॉकेट फोर्स के कई नए ठिकाने बनाएं हैं।

ये दोनों राज्य ताइवान के नजदीक स्थित हैं। पूर्वी और दक्षिणी थिएटर कमांड में कुछ मिसाइल अड्डों का आकार भी हाल के वर्षों में दोगुना हो गया है। ऐसे में अंदेशा जताया जा रहा है कि किसी भी पल चीन ताइवान पर हमला कर सकता है।

एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम सक्रिय

चीन ने ताइवान से लगी सीमा पर रूस से खरीदी गई S-400 एयर डिफेंस सिस्टम ( S-400 Air defence system ) को भी तैनात किया है। इसका शक्तिशाली रडार 600 किलोमीटर दूर से ही ताइवानी सेना के मिसाइलों, ड्रोन और लड़ाकू विमानों का पता लगा सकता है।

S-400 का रडार सिस्टम बहुत परिष्कृत है और पूरे ताइवान को कवर करने में सक्षम है। इसमें लगी मिसाइलें ताइवान के किसी भी लड़ाकू विमान को मार गिराने में सक्षम है।

जे-20 स्टील्थ लड़ाकू विमानों को किया तैनात

इतना ही नहीं, चीन ने इस इलाके में अपने कथित स्टील्थ लड़ाकू विमान J-20 को भी तैनात किया है। दूसरे देशों पर हमला करने के लिए गठित चीन के 13 लड़ाकू ब्रिगेडों में से 10 अब ताइवान की सीमा पर तैनात हैं।

चीन ने 2017 से ही अपने मरीन कॉर्प्स का मुख्यालय ग्वांगडोंग में स्थापित किया है। अगर ताइवान पर कोई भी हमला होताा है तो चीनी नौसेना का यह रणनीतिक अड्डा बनेगा।

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