– बिप्लव कुंडू
कांकेर/ पखांजूर। जिले के परलकोट के किसान अब मक्का-धान (Corn paddy) की फसलों के साथ ही साथ ड्रैगन फ्रूट (Dragon fruit) की फसल भी उगा रहे हैं। यहां के किसान सिर्फ अपनी आमदनी और रोजगार के लिए खेती किसानी का कार्य नहीं करते हैं, बल्कि उनकी सोच हमेशा यूनिक करने की रहती है। ठीक उसी की तलाश में पीव्ही 122 के किसान विद्युत मंडल ने ड्रैगन फ्रूट (Dragon fruit)  की खेती की है। विद्युत मंडल बताते हैं यह एक आधुनिक खेती हैं इसमें काफी पैसा खर्चा होता हैं इसका तना रस्सी की तरह लंम्बा होता हैं जिसके लिए उसे पर्याप्त जगह की आवश्कता पड़ती हैं। उस लिए प्रत्येक वृक्ष को खंम्बे के सहारे लकड़ी का स्टैंड बनाकर ऊपर चढाना पड़ता हैं नहीं तो फसल को बचा पाना संम्भव नहीं हैं । इसका पौधा एक प्रकार के वेल जैसा होता है ड्रैगन फलों  (Dragon fruit) का पौधा सुगंधित सुगंध और लाल फल के साथ सुंदर दिखाई देते हैं । ड्रैगन फलो का पौधा देखने में आकर्षक और इसका फल स्वादिष्ट होता है। यह कुछ हद तह तरबूज और किवी फलो के समान ही स्वाद देता है।


क्या हैं इसके फायदे:
ड्रैगन एक पौराणिक फल हैं इसके लाभों के बारे में जानकर आपको आश्चर्य होगा ड्रैगन फ्रूट (Dragon fruit) को ड्रैगन मोतीफल कैक्टस फ्रूट या पिताया भी कहा जाता हैं। यह एक ऊष्ण कटिबंधीय स्वादिष्ट फल है। यह स्वस्थ के लिए काफी लाभकारी होता है। यह ब्लड सुगर को नियंत्रित करता है। तथा सबसे अहम यह मधुमेह जिसे हम सुगर भी कहते हैं उन रोगियों के लिए यह फल काफी लाभकारी हैं । मोटापा, त्वचा कब्जा बालों के लिए पाचन कैंसर अस्थमा खून की कमी को दूर करने के लिए काफी फायदेमंद फ्रूट है।
कहां से आया इसका बीज:
ड्रैगन फ्रूट (Dragon fruit) के किसान विद्युत मंडल ने बताया कि इस फसल को लगाने की चाहत मुझे 10 वर्षों से थी, मगर कोई जरिया नहीं मिल रहा था । मुझे मालूम नहीं था कि ये कैसे और कहां से मिल सकता हैं तभी मुझे पता चला कि ये थाईलैंड में मिलेगा। उसके बाद जैसे -तैसे अपने मित्र के जरिए इसे थाईलैंड से बांग्लादेश में मंगवाया फिर वहीं जा कर इसका बीज लाया और लगा दिया।
कितना खर्च आया:
मंडल ने बतलाया कि इसे मैंने दो वर्षो तक लगता रहा मगर मुझे कोई कामयाबी नहीं मिली दो वर्ष बाद पेड़ में ग्रोध लिया और फल लगा इसे लगाने में मुझे तकरीवन 2-3 लाख रुपया का खर्चा बैठ गया !
कम पानी में भी हो जाता है तैयार:
ड्रैगन फ्रूट (Dragon fruit) की खेती में पानी की सिचाई न के बराबर हैं यानि कम पानी की सिचाई से फसल तैयार हो जाएगी। यह फसल वर्ष में दो बार ली जा सकती हैं। एक फसल में तकरीवन 5 लाख रुपए का मुनाफा कमा सकते हैं (About Rs 5 lakh can be earned in one crop)। एक जगह पर यह फसल लगभग 20 वर्षो तक लिया जा सकता हैं और फ्रूट रेडी होने के बाद इसके खरीदारों को कमी नहीं रहती है। राज्य तथा दूसरे राज्य से भी इस फ्रूट को खरीदने का फोन विद्युत मंडल के पास आ रहा है।

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