बलरामपुर। कलेक्टर कुंदन कुमार ने तहसीलदार की टीम पर किये गए हमले के मुख्य आरोपी अजीत सिंह के अनुज्ञप्ति को ही निरस्त कर दिया है। वहीं 6 अनुज्ञप्तिधारी के रेत भंडारण व परिवहन पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी है

जिले में रेत के अवैध भंडारण व परिवहन पर रोक लगाने हेतु प्रशासन द्वारा बड़ी कार्यवाही करते हुए 6 अनुज्ञप्तिधारी के रेत भंडारण व परिवहन पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी गई है तथा एक अनुज्ञप्तिधारी के अनुज्ञप्ति को ही निरस्त कर दिया है।
रेत के अवैध उत्खनन व परिवहन तथा तहसीलदार पर हुए हमले की सूचना पर कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक ने तत्काल मौके पर पहुंचकर वस्तुस्थिति का जायजा लेने के बाद बड़ी कार्यवाही करते हुए रेत माफियाओं को कड़ा संदेश दिया है।
नामजद FIR किये गए दर्ज
कलेक्टर के निर्देश पर नियमों का पालन न करने तथा शासकीय कार्य मे बाधा उत्पन्न करने के लिए अजीत सिंह, मनमोहन, पिंटू, विजय यादव व अन्य के ऊपर भादवि की धारा 147, 148, 149, 506, 323, 186, 353, 332, 427 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर लिया गया है।

कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक ने सयुंक्त रूप से कहा कि शासकीय कार्य मे बाधा डालने वालों पर विधि सम्मत कड़ी कार्यवाही की गई है। उन्होंने कहा कि हमने तहसीलदार से बात कर पूरी जानकारी ली,और उसके आधार पर अपराध पंजीबद्ध कर लिया गया है।


अधिकारियों की सुरक्षा का पूरा ध्यान

कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक ने कहा कि कानून व्यवस्था की स्थिति पर नजर रखी जा रही है तथा अधिकारियों की सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है। इसी के साथ ही कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर थाना प्रभारी सनावल के द्वारा अवैध रेत लोड 08 ट्रक को जप्त किया गया, जिस पर खनिज विभाग द्वारा विधिवत कार्यवाही की गई है। इसी के साथ ही मुख्य आरोपी अजीत सिंह के डंपिंग साइट से एक जेसीबी, 2 खाली हाइवा, 2 ट्रेक्टर तथा 1 कार को जप्त किया गया एवं अजीत सिंह के साइट को सील किया गया। लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम के अंतर्गत भी मामला दर्ज किया गया है।


आरोपियों को पकड़ने यूपी भेजी गयी टीम


पुलिस अधीक्षक साहू ने बताया कि आरोपियों के सहयोगियों से पूछताछ तथा उनकी तलाशी के लिए 03 टीमों को उत्तरप्रदेश तथा अम्बिकापुर भेजा गया है।
गौरतलब है कि रामचंद्रपुर तहसीलदार विनीत सिंह अवैध उत्खनन की जानकारी मिलने पर तत्काल टीम के साथ जांच के लिए पहुंचे थे, जहां उन पर अजीत सिंह, मनमोहन, पिंटू, विजय यादव व अन्य के द्वारा हमला कर शासकीय दायित्वों के निर्वहन में बाधा उत्पन्न किया गया। इस कृत्य को शासन ने गंभीरता से लेते हुए दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिए, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।

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