चंडीगढ़: हरियाणा के सीनियर आईएएस अशोक खेमका का 52वां तबादला किया गया है। उन्हें

अभिलेखागार, पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग में प्रमुख सचिव बनाया गया है। इससे पहले वे विज्ञान

एवं तकनीकी विभाग के प्रमुख सचिव पद पर कार्यरत थे। खेमका का यह तबादला करीब 8 महीने

बाद हुआ। 1991 बैच के अशोक खेमका का तबादला इससे पहले मार्च 2019 में हुआ था।

 

हुड्डा सरकार में खेमका का 22 बार तबादला हुआ :

भाजपा से पहले कांग्रेस की हुड्‌डा सरकार में भी खेमका का 22 बार ट्रांसफर हुआ था। वह जिस

भी विभाग में जाते हैं, घोटाले के मामले उजागर करते रहे हैं। खेल विभाग से पहले उन्होंने समाज

कल्याण विभाग में फर्जीवाड़े की आशंका पर 3 लाख से ज्यादा बुजुर्गों की पेंशन रोक दी थी। इससे

पहले बीज विकास निगम में भी घोटाला पकड़ा था।

 

भाजपा सरकार के पहले और दूसरे कार्यकाल में खेमका का यह 7वां तबादला है। खेल मंत्री

अनिल विज ने ही उन्हें खेल विभाग में लिया था।

 

नंबर को लेकर हुआ विवाद :

खेल विभाग में खेमका का एसीआर (एनुअल कॉफिडेंशियल रिपोर्ट) में नंबर को लेकर विवाद हुआ था।

खेमका की एसीआर में मुख्य सचिव ने उन्हें 10 में 8.22 अंक दिए थे, जबकि उनके खेल महकमे के मंत्री

अनिल विज ने इसे बढ़ाकर 9.92 कर दिया था। यह भी लिखा था कि खेमका, मेहनती और ईमानदार हैं।

हालांकि, मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उनकी एसीआर में 9 अंक करने के साथ ही मंत्री अनिल विज की

टिप्पणी को अतिशयोक्ति बताया था। इस मामले को लेकर खेमका हाईकोर्ट पहुंचे थे।

 

अरावली जमीन में चकबंदी को रोका था :

खेमका ने खेती की जमीन की तरह अरावली क्षेत्र में हो रही चकबंदी को रोका था। 2012 में खेमका

कॉन्सोलिडेशन ऑफ होल्डिंग्स डिपार्टमेंट के निदेशक बने थे। तब उन्होंने एक आदेश जारी कर

अरावली क्षेत्र में चकबंदी के पहले से चले आ रहे आदेशों को रद्द कर दिया था। फरीदाबाद के गांव

कोट में 3100 एकड़ से ज्यादा जमीन की चकबंदी हो रही थी, जिसमें ज्यादातर हिस्सा अरावली की

जमीन का था। खेमका ने इस पर एतराज जताया था, जिसे उनके तबादले की वजह माना गया।

 

राबर्ट वाड्रा की कंपनी से जुड़ी डील को किया था रद्द :

कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान 2012 में खेमका ने राबर्ट वाड्रा की कंपनी के डीएलएफ कंपनी

के साथ हुए जमीनी सौदे को रद्द कर दिया था। इस मामले में आरोप था कि वाड्रा को सस्ती दर पर जमीन

दी गई और उन्होंने महंगे रेट पर डीएलएफ को जमीन बेची है।

 

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