रीनल आर्टरी स्टेनोसिस बीमारी से पीड़ित मरीज के लिए एंजियोप्लास्टी बनी उम्मीद की नई किरण, ब्लड प्रेशर 190/90 से पहुंचा 150/70 पर
रीनल आर्टरी स्टेनोसिस बीमारी से पीड़ित मरीज के लिए एंजियोप्लास्टी बनी उम्मीद की नई किरण, ब्लड प्रेशर 190/90 से पहुंचा 150/70 पर

रायपुर। किडनी की धमनी में होने वाले संकुचन के कारण लकवे का शिकार हो चुके सूरजपुर निवासी 60 वर्षीय मरीज के लिए सोमवार की सुबह उम्मीद की नई किरण साथ लेकर आई। सोमवार की सुबह एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट में कार्डियोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. स्मित श्रीवास्तव एवं उनकी टीम ने किडनी की नस की एंजियोप्लास्टी कर लकवे का शिकार हो चुके मरीज का सफल उपचार किया।

करीब एक साल पहले किडनी की धमनी के संकुचन यानी रीनल आर्टरी स्टेनोसिस नामक बीमारी के शिकार मरीज के बायें किडनी की नस 70 से 80 प्रतिशत तक ब्लॉक होने के कारण मरीज लकवे का शिकार हो गया था जिसे एसीआई में कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. स्मित श्रीवास्तव ने एंजियोप्लास्टी के जरिये खोलकर किडनी की नसों में अवरूद्ध हो चुके रक्त प्रवाह को सुचारू बनाया। एंजियोप्लास्टी के बाद मरीज का ब्लड प्रेशर 190/90 से ठीक होकर 150/70 पर आया।

ऐसे की गई एंजियोप्लास्टी

डॉ. स्मित श्रीवास्तव उपचार प्रक्रिया के बारे में जानकारी देते हुए बताते हैं – मरीज की एंजियोग्राफी में बायीं तरफ की किडनी में ब्लॉकेज का पता चला। इसके बाद मरीज की तुरंत एंजियोप्लास्टी करने का निर्णय लिया फिर कैथेटर के माध्यम से दायें जांघ की नस के जरिये बायें किडनी की नस तक पहुंचकर, कैथेटर के गुब्बारे को धमनी के अंदर ही फुलाया और अवरूद्ध (ब्लाक) किडनी की नस(धमनी) को खोला। उस मार्ग में रक्त प्रवाह को जारी रखने के लिए स्टंट लगाया गया। डॉ. स्मित श्रीवास्तव के साथ कैथ लैब के टेक्नीशियन आई. पी. वर्मा समेत सभी स्टाफ ने इस प्रक्रिया में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

क्या है रीनल आर्टरी स्टेनोसिस

डॉ. स्मित श्रीवास्तव बताते हैं, किडनी धमनी संकुचन या रीनल आर्टरी स्टेनोसिस में किडनी तक रक्त लेकर जाने वाली धमनियां संकुचित हो जाती हैं। धमनियों के संकुचन से ऑक्सीजन युक्त रक्त किडनी तक नहीं पहुंच पाता। शरीर के अपशिष्ट उत्पादों को छानने (फिल्टर) और अतिरिक्त तरल पदार्थ को शरीर से बाहर निकालने के लिये किडनी को पर्याप्त रक्त प्रवाह की आवश्यकता होती है जो धमनी के संकुचित होने पर नहीं हो पाता। परिणामस्वरूप किडनी में कम रक्त प्रवाह से उसमें स्थित उत्तकों की क्षति होने लगती है और शरीर का रक्तचाप यानी कि ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। जैसे-जैसे स्टेनोसिस बढ़ता है रक्तचाप को नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है और कई बाद हार्ट अटैक भी हो जाता है। इसका प्रमुख कारण वसा, कोलेस्ट्राल का गुर्दे की धमनियों पर जमना होता हैै। कोलेस्ट्राल के जमाव से धमनियां संकीर्ण एवं सख्त हो जाती हैं और रक्त प्रवाह कम हो जाता है और जटिलताएं पैदा हो जाती हैं।

मेरे पति पहले की तरह ठीक हो गए

मरीज की धर्मपत्नी रेखा सिंह के अनुसार एक वर्ष पूर्व हार्ट अटैक आने के बाद मरीज को इलाहाबाद में डॉक्टरों को दिखाया। उसके बाद दिल्ली के एक निजी अस्पताल में इलाज हेतु लेकर गये जहां कई प्रकार की जांच के बाद सीटी एंजियोग्राफी में मरीज की बीमारी पकड़ में आई। उसके बाद केवल दवाईयों के जरिये ही उपचार जारी रहा। सूरजपुर में वहां के एक सरकारी डॉक्टर की मदद से एसीआई के बारे में पता चला और हम दो दिन पहले मरीज को यहां लेकर आये। यहां डॉ. स्मित श्रीवास्तव को दिखाया। उन्होंने रिपोर्ट देखकर ही आगे के उपचार प्रक्रिया के बारे में हमें बता दिया। रविवार को मेरे पति का एडमिशन हो गया और आज सुबह ही उनकी एंजियोप्लास्टी भी हो गई। एंजियोप्लास्टी के बाद सब कुछ पहले की तरह ठीक हो गया। अब इनको कोई तकलीफ नहीं है। सोमवार की सुबह हमारे पूरे परिवार के लिये नई खुशियां लेकर आई है।

Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे फेसबुक, ट्विटरटेलीग्राम और वॉट्सएप पर

Trusted by https://ethereumcode.net