अंबिकापुर के 'राजीव भवन' में उदघाटन से पहले गुटबाजी, लोकार्पण का दो बार कटा फीता, पहले सिंहदेव फिर मंत्री अमरजीत ने का काटा रिबन, समर्थन में कार्यकर्ता लगाते रहे नारा

अंबिकापुर। अंबिकापुर में कांग्रेस जिला मुख्यालय ‘राजीव भवन’ के लोकार्पण अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव व मंत्री अमरजीत भगत के समर्थकों में दिखी दूरी ने एकबार फिर कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाजी को उजागर कर दिया है।

आपको बता दें कि कांग्रेस के नए भवन के लोकार्पण में रायपुर से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित अन्य लोग शामिल हुए थे। दोपहर करीब 12 बजे CM ने भवन का वर्चुअल लोकार्पण किया। कार्यक्रम भवन के तीसरे फ्लोर पर था। लोकार्पण के बाद टीएस सिंहदेव नीचे उतरे और मुख्य द्वार पर बंधा रिबन काटकर लोकार्पण कर दिया। थोड़ी देर बाद अमरजीत भगत भी नीचे आए। देखा कि रिबन कट चुका है। इस पर उनके समर्थक नया लेकर पहुंचे। उसे फिर मेन गेट पर बांधा गया और मंत्री भगत ने रिबन काटा।

मंत्री अमरजीत की जानबूझ कर की गई अनदेखी: इरफान सिद्दीकी

इस मामले में मंत्री अमरजीत भगत के करीबी समर्थक इरफान सिद्दीकी ने टीआरपी को जानकारी देते हुए बताया कि राजीव भवन के लोकार्पण कार्यक्रम में श्री भगत की जानबूझ कर अनदेखी की गई। इरफान सिद्दकी ने टीआरपी को बताया कि कांग्रेस के जिला कार्यालय राजीव भवन का लोकार्पण कार्यक्रम कांग्रेस संगठन द्वारा आयोजित किया गया था।

उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में शरीक होने के लिए मंत्री अमरजीत भगत पहले ही राजीव भवन पहुंच चुके थे। वे कार्यक्रम में वरिष्ठ नेता व प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के पहुंचने का इंतजार कर रहे थे। स्वयं जिला कांग्रेस के अध्यक्ष राकेश गुप्ता ने उन्हें रिसीव किया था। उन्हें अमरजीत भगत के आने की सूचना थी, बावजूद इसके अपनी ही पार्टी के तीन बार विधायक और मंत्री भगत की अनदेखी किया जाना समझ से परे है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस में जरूरत इस बात की है कि सभी को साथ में लेकर चला जाए। उन्होंने कहा कि सरगुजा जैसे आदिवासी बाहुल्य जिले में आदिवासी समाज के प्रतिनिधितत्व करने वाले जिले के वरिष्ठ मंत्री की संगठन कार्यक्रम में अनेदेखी किए जाने से आदिवासी समाज की भावनाएं आहत हुई हैं।

दोनों मंत्रियों के समर्थक आमने सामने जमकर करते रहे नारेबाजी

कार्यक्रम शुरू होने के दौरान टीएस सिंहदेव बाद में पहुंचे, वहां अमरजीत भगत पहले से बैठे थे। सिंहदेव के आते ही उनके समर्थकों ने नारेबाजी शुरू कर दी। यह देखकर भगत के भी समर्थक नारेबाजी करने लगे। दोनों ओर से जिंदाबाद के नारे लगाते रहे। हालांकि भगत आगे बढ़े और सिंहदेव के पैर छुए। फिर सिंहदेव के समर्थकों ने शेर आया के नारे लगाने शुरू कर दिए। कार्यक्रम खत्म होने के बाद दोनों को एक ही जगह कला केंद्र में हो रहे सार्वजनिक कार्यक्रम में जाना था, लेकिन अलग-अलग निकले। इस दौरान कलाकेंद्र के मंच में बैठने के लिए दोनों मंत्रियों के समर्थकों ने कहासुनी हुई। बताया जा रहा है कि कार्यकर्ताओं को समझाइश के बाद जैसेतैसे मामला शांत हुआ।

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