बिलासपुर। भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel Plant, SAIL) को हाईकोर्ट (High Court) से तगड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने बीएसपी (BSP) की याचिका खारिज कर दी है। साथ ही आदेश दिया है कि बीएसपी को 921 हेक्टेयर जमीन की बाजार भाव से कीमत एक माह के भीतर राज्य सरकार को अदा करना है। बीएसपी अगर जमीन लेने की इच्छुक है तो उसे राज्य व केन्द्र सरकार को इसकी जानकारी देनी होगी।

अगर (Bhilai Steel Plant, SAIL) उपरोक्त मूल्य अदा करना नहीं चाहता तो उसे जमीन राज्य सरकार को वापस करना पड़ेगा। कोर्ट के आदेश के बाद बीएसपी की परियोजना की कीमत बढ़ जाएगी या फिर उस पर ग्रहण भी लग सकता है।

क्या है यह मामला

आपको बता दें कि बीएसपी (BSP) अपनी वृहद परियोजना के लिए कांकेर में 921 हेक्टेयर जमीन पर खनन परियोजना शुरु करना चाहता था। राज्य सरकार ने (BSP, SAIL) को उक्त भूमि की कीमत अदा करने का आदेश दिया था। सरकार के आदेश के खिलाफ बीएसपी ने साल 2018 में याचिका दाखिल किया था और वर्तमान मूल्य अदा न करने और मुफ्त में प्रदान करने की राहत मांगी थी। राज्य शासन ने मामले में अपना पक्ष प्रस्तुत किया गया और कहा कि बीएसपी उपरोक्त मूल्य अदा नहीं करना चाहती है तो वो 921 हेक्टेयर जंगल भूमि राज्य शासन को वापस कर दे। हाईकोर्ट ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा टीएन गोदाबर्मन विरुद्ध भारत सरकार के फैसले के आधार पर दिया है।

हाईकोर्ट का निर्णय

– प्राधिकरण द्वारा एक माह के भीतर 921 हेक्टेयर जंगल भूमि धरण करनी है या राज्य शासन को वापस करनी है। इस संबंध में जो निर्णय भी निर्णय लिया जाएगा इसकी जानकारी राज्य सरकार तथा भारत सरकार को देनी होगी।

– प्राधिकरण अगर उपरोक्त 921 हेक्टेयर भूमि को धरण करने की मंशा रखता है तो शुद्ध वर्तमान मूल्य की अदायगी करनी होगी।

– यदि प्राधिकरण 921 हेक्टेयर जंगल भूमि के लिये शुद्ध वर्तमान मूल्य अदा नही करता है तो राज्य सरकार 921 हेक्टेयर जंगल भूमि का पट्टा संशोधित कर सकेगी।        प्राधिकरण के पास 17 हेक्टेयर जंगल भूमि खनिज के उपयोग हेतु रहेगी।

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