टीआरपी डेस्क। अगर आप भी इस्तेमाल करते हैं प्रोसेस्ड मिल्क, तो जाएं सावधान जीहां ये खबर आपके लिए जरूरी है। ऐसा हम नहीं कर रहे हैं बल्कि देश के फूड सेफ्टी और स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) के सर्वे में यह खुलासा किया गया है, जो सीधे आपकी सेहत से जुड़ा हुआ है। और टीआरपी की टीम इस अनजाने सच को आपके सामने ला रही है।

सैंपल में पाए गए पेस्टीसाइड

आपको बता दें कि देश के फूड सेफ्टी और स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) द्वारा मई 2018 से अक्टूबर 2018 के बीच सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में हुआ है। सर्वे के लिए टीम ने 6,432 सैंपल्स लिए थे जिनमें से 456 सैंपल असुरक्षित पाए गए। जिसका मतलब था कि उनमें Aflatoxin-M1 पाया गया यह एक तरह का पेस्टीसाइड है। इन 456 सैंपल्स में से 12 ऐसे थे जिनमें भारी मिलावट की गई थी जिसके लिए यूरिया, हाइड्रोजन पराक्साइड या डिटर्जेंट का उपयोग किया गया था।
FSSAI के सीईओ पवन अग्रवाल की माने तो, दूध में मिलावट से ज्यादा बड़ा मुद्दा संदूषण का है। सर्वे के दौरान दूध में पाया गया Aflatoxin-M1 उन सैंपल्स में भी मिला जो प्रोसेस्ड मिल्क के थे, इसका मतलब ऑर्गेनाइज्ड मार्केट में प्रोसेस्ड मिल्क बेचने वाली कंपनियां भी मिलावट कर रही हैं। इसके अलावा पशुओं के दूध में इसके पाए जाने का कारण उनके चारे का गलत खराब स्थानों पर स्टोरेज है। हमने इसकी जांच की और दिल्ली के अलावा तमिलनाडु और केरल ऐसे तीन राज्य हैं जहां दूध में Aflatoxin-M1 की संख्या सबसे ज्यादा थी। ऑर्गेनाइज्ड मार्केट में इसका पाया जाना बड़ी चिंता का विषय है।

1.2 प्रतिशत दूध में एंटीबायोटिक

इतना ही नहीं 1.2 प्रतिशत दूध में एंटीबायोटिक भी पाया गया है। अग्रवाल के अनुसार 6432 सैंपल्स में से 77 सैंपल्स में एंटीबायोटिक्स भी पाए गए जो की मानक से कहीं ज्यादा थे। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र इस मामले में सबसे आगे हैं।

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