टीआरपी डेस्क। भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) के नए मामलों में अचानक आई तेजी के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने ओमिक्रॉन (Omicron) को लेकर जीनोम सीक्वेंसिंग की स्ट्रेटजी में बदलाव किया है।
ओमिक्रॉन के असर और किसी ठोस नतीजे पर पहुंचने को लेकर अस्पतालों के सैंपल्स की जीनोम सीक्वेंसिंग (Genome Sequencing) होगी। अस्पताल के ICU में दाखिल और मरने वाले मरीज के सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने यह जानकारी दी।
दरअसल यह कवायद ओमिक्रॉन से होने वाला संक्रमण कितना खतरनाक इसके पड़ताल की कोशिश है। जीनोम सीक्वेंसिंग की नई स्ट्रेटजी तीन दिन से अमल में है। हफ्ते भर के भीतर ओमिक्रॉन को लेकर ठोस तरीके से शुरुआती आंकड़ा आ जाएगा।
ओमिक्रॉन से पहले बीमारी को देखा जा रहा था और अब प्राथमिकता गंभीरता (severity) देखने की है। शुरुआत में आम आबादी के सैंपल का जीनोम सीक्वेंसिंग इसलिए किया ताकि पता चले कि ओमिक्रॉन की मौजूदगी है या नहीं और अगर है तो कितनी। अस्पताल में दाखिला भी बढ़ने लगा है और मौत भी। हफ्ते भर में severity को लेकर शुरुआती नतीजे आ जाएंगे।
देशभर में पिछले 24 घंटों में ओमिक्रॉन के 620 नए केस दर्ज किए गए हैं। नए मामलों के आने के साथ देश में ओमिक्रॉन के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 5,488 पहुंच गई है। ओमिक्रॉन के कुल संक्रमितों में से 2,162 मरीज़ ठीक हो चुके हैं। ओमिक्रान के बुधवार को 407, मंगलवार को 428 और सोमवार को 410 नए मामले दर्ज किए गए थे।
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