BJP का बड़ा ऐलान,'मेट्रो मैन' ई. श्रीधरन ही होंगे केरल के CM उम्मीदवार
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टीआरपी डेस्क। मेट्रोमैन के नाम से मशहूर ई श्रीधरन को भाजपा ने केरल में अपना मुख्यमंत्री पद का कैंडिडेट घोषित कर दिया है। इसकी जानकारी केरल भाजपा के अध्यक्ष सुरेंद्रन ने गुरुवार को दी है। आपको बता दें, 88 साल के श्रीधरन 6 दिन पहले ही 26 फरवरी को मलप्पुरम में केंद्रीय मंत्री आरके सिंह की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए। श्रीधरन ने अपने गृह जिले मलप्पुरम से ही चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है।

अपने इलाके पोन्नानी से लड़ेंगे चुनाव

बुधवार को श्रीधरन पलारीवट्‌टम में बन रहे फ्लाईओवर का जायजा लेने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि ‘केरल की जनता इस बार भाजपा की सरकार बनाएगी। भाजपा की बड़ी जीत की उम्मीद है, क्योंकि लोग अच्छी तरह जानते हैं कि उनके और प्रदेश के लिए कौन अच्छा है। मैंने भाजपा से केवल एक ही मांग की है कि मैं पोन्नानी से उसी इलाके में चुनाव लड़ना चाहता हूं, जहां मैं अभी रह रहा हूं।’

‘मानसिक रूप से मैं बहुत अलर्ट और यंग हूं’- श्रीधरन

वहीं उम्र को लेकर उठ रहे सवालों पर उन्होंने कहा कि ‘शारीरिक उम्र के बजाय मानसिक उम्र यह तय करती है कि किसी को क्या जिम्मेदारियां उठानी चाहिए। मन की उम्र ही मायने रखती है, न कि शरीर की उम्र। मानसिक रूप से मैं बहुत अलर्ट और यंग हूं। अब तक मेरे साथ सेहत से जुड़ी कोई समस्या नहीं है। मुझे नहीं लगता कि स्वास्थ्य कोई बड़ा मुद्दा होगा। मैं किसी सामान्य नेता की तरह काम नहीं करूंगा। मैं एक टेक्नोक्रेट की तरह काम करना जारी रखूंगा।’

गौरतलब है कि केरल में भारतीय जनता पार्टी लंबे वक्त से अपनी पकड़ को मजबूत करने की कोशिश में लगी हुई है। इसी वजह से अब ई. श्रीधरन जैसे बड़े नाम के साथ बीजेपी अपने कारवां को आगे बढ़ाना चाहती है। हालांकि अभी केरल में लेफ्ट की सरकार है। वहीं कांग्रेस पार्टी का गठबंधन मुख्य विपक्ष के तौर पर उभर रहा है। इन दिनों कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार केरल में प्रचार कर रहे हैं। वह वहां से सांसद भी हैं।

वहीं ई. श्रीधरन भी प्रधानमंत्री मोदी के समर्थकों में जाने जाते हैं। 2014 में लोकसभा चुनाव से पहले 2 बार उन्होंने नरेंद्र मोदी को अच्छा नेता बताया था। साथ ही मोदी को प्रधानमंत्री पद की दावेदारी का समर्थन करने वालों में भी उनका नाम शामिल था।

पद्मश्री और पद्म विभूषण से सम्मानित

आपको बता दें, श्रीधरन 1995 से 2012 तक दिल्ली मेट्रो के निदेशक रहे। भारत सरकार ने उन्हें 2001 में पद्मश्री और 2008 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया था। उन्हें देश में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सूरत बदलने के लिए जाना जाता है। ईमानदार छवि की वजह से वह काफी लोकप्रिय हैं।

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