ब्लू टिक और टीका
ब्लू टिक और टीका

उचित शर्मा

सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर का उपयोगी टूल ‘ब्लू टिक’ इन दिनों ना केवल सोशल मीडिया में छाया हुआ है बल्कि इसने तो वैश्विक महामारी कोरोना और दुनिया के सबसे बड़े प्रजातांत्रिक देश भारत में चल रहे टीकाकरण महा अभियान को भी पीछे छोड़ दिया है।

आइए अब ये भी जान लेते हैं कि आखिर क्या बला है ब्यू टिक जिस पर इतना बवाल मचा हुआ है। ट्विटर के ब्लू टिक का मतलब यह है कि अकाउंट जनहित से जुड़ा और असली है। और इसे पाने के लिए अकाउंट का सक्रिय रहना बहुत जरूरी है। विवाद तब शुरू हुआ ट्वीटर ने देश के उपराष्ट्रपति के ट्वीटर अकाउंट से ब्लू टिक हटा दिया।

इसके जवाब में सरकार के नुमाइंदों का तर्क था कि उपराष्ट्रपति का पद राजनीतिक नहीं है, क्या ऐसी हिमाकत ट्विटर अमेरिका में कर सकता है? आखिरकार ट्विटर ने उनका ब्लू टिक बहाल कर दिया। बात आई गई हो गई, लेकिन इस बहस में जिस तरह से लोगों की एंट्री सोशल मीडिया पर हुई उसने एक नई बहस को जन्म दे दिया।

क्या ब्लू टिक बहाल होना या नहीं होना ही इस वक्त देश का सबसे ज्वलंत मुद्दा है? क्या इस वक्त कोविड टीकाकरण अभियान में तेजी लाकर आम लोगों की जान बचाने पर बहस जरूरी नहीं है? इस सवाल का जवाब तो यही हो सकता है कि हमारी सोच में जब आम और खास लोगों के बीच सीमा रेखा खिंच जाए तो देश हित से जुड़े महत्वपूर्ण मसले गौड़ हो जाते हैं, ब्यू टिक विवाद में तो कुछ ही देखने को आया।

इस वक्त सबसे ज्यादा जरूरत देश के नागरिकों को कोविड जैसी जानलेवा बीमारी से बचाने की है, लेकिन इस पर लोगों का ध्यान कम ही है। अगर देश हित में कुछ कहा भी जाए तो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मायने सरकार और नेताओं के लिए अलग.अलग हैं वो अपने नफा नुकसान का आंकलन कर ही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सीमा रेखा तय करते हैं।

गौर करने वाली बात ये है कि देश में अब 18 साल से ऊपर के सभी लोगों का टीकाकरण शुरू हो चुका है। केंद्र सरकार बार-बार कह भी रही है कि टीकाकरण अभियान पूरी तेजी से चल रहा है, टीकों की कहीं कोई कमी नहीं है। लेकिन, सरकार के अपने ही आंकड़ें इस बात से मेल नहीं खाते।

18 से 44 साल तक के सभी लोगों के लिए वैक्सीनेशन 1 मई से शुरू हुआ है। लेकिन, 18 से 45 साल आयु वर्ग की पूरी आबादी के लिए वैक्सीन का इंतजाम ​करना चुनौती साबित हो रहा है। ऐसे में जरूरी है कि ब्यू टिक की जगह कोविड टीका की सफलता के लिए सोशल मीडिया में लोग आगे आएं, जो इस वक्त देश की सबसे बड़ी जरूरत है।

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